कोरोना महामारी में बिहार लौटे मज़दूरों को जॉब कार्ड देने में भी घूसखोरी, वीडियो वायरल होने पर डीएम ने दिए जांच के आदेश
रोहतास जिले का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें अधिकारी मजदूरों से रिश्वत मांगता नजर आ रहा है. डीएम ने कहा है कि इस मामले की जांच होगी.
पटना: बिहार के रोहतास का एक वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर इन दिनों वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो में सरकारी मुलाजिम कोरोना महामारी के दौरान देश के अलग-अलग हिस्सों से अपने गृह जिला लौटे श्रमिकों से जॉब कार्ड बनाने के नाम पर खुलेआम घूस की मांग करते दिख रहे हैं. वीडियो में मनरेगा रोजगार सेवक यह कहते दिख रहे हैं कि ऊपर से नीचे से तक सबका हिस्सा बंटा हुआ है, ऐसे में 3000 रुपये तो देने ही पड़ेंगे.
मिली जानकारी के अनुसार वायरल वीडियो रोहतास के नौहट्टा प्रखंड के दारानगर पंचायत का है. जहां प्रधानमंत्री आवास योजना में लाभुक श्रमिक को पारिश्रमिक भुगतान के एवज में रोजगार सेवक को घूस देनी पड़ रही है. वायरल वीडियो में रोजगार सेवक लाभार्थी को स्पष्ट बताता दिख रहा है कि मनरेगा में जॉब कार्ड बनाने के लिए 300 रुपये की राशि निर्धारित की गई है. लेकिन, भुगतान होने पर पीओ, पीआरएस, पीटीएम, जेई के हस्ताक्षर के साथ ही उनका हिस्सा निर्धारित हो जाता है. वहीं, अकाउंटेंट के हस्ताक्षर नहीं होते हैं. ऐसे में मनरेगा जॉब कार्डधारी को अपनी मेहनत की कमाई लेने के लिए पीआरएस सहित आधा दर्जन लोगों को रिश्वत देनी पड़ती है.
इधर, वीडियो के वायरल होने के बाद अधिकारियों के हाथ-पैर फूल गए हैं. इस संबंध में जब जिलाधिकारी पंकज दीक्षित से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मामले की जांच होगी और 48 घंटे के अंदर आरोपियों पर कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि लॉकडाउन के दौरान लाखों की संख्या में बिहार लौटे प्रवासी माजदूरों को रोजगार दिलाने के लिए राज्य सरकार दिन-रात कोशिश कर रही है. रोजगार देना सरकार की प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर है. लेकिन विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों की वजह से मजदूरों की हालत बिगड़ती जा रही है.
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