सरकार अपने शाही खर्चे में कटौती कर स्कूलों में बच्चों की फीस माफ करे : मायावती
बसपा सुप्रीमो मायावती ने स्कूल फीस माफ किये जाने को लेकर सरकार को नसीहत दी है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि कोरोना महामारी के चलते बेरोजगारी बढ़ी है और ऐसे में बच्चों की फीस देना बेहद कठिन है.
लखनऊ. बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने शनिवार को कहा कि केन्द्र और राज्य सरकारें अपने शाही खर्चे में कटौती कर व्यापक जनहित में बच्चों की स्कूल फीस माफ करें.
बसपा प्रमुख ने ट्वीट किया, ‘‘कोरोना लॉकडाउन से संक्रमित देश की आर्थिक मन्दी से भीषण बेरोजगारी व जीवन में अभूतपूर्व संकट झेल रहे करोड़ों लोगों के सामने बच्चों के फीस जमा करने की समस्या संगीन होकर अब धरना-प्रदर्शन आदि के रूप में सामने आई है व उन्हें पुलिस के डण्डे खाने पड़ रहे हैं, जो अति-दुःखद.'
1. कोरोना लाॅकडाउन से संक्रमित देश की आर्थिक मन्दी से भीषण बेरोजगारी व जीवन में अभूतपूर्व संकट झेल रहे करोड़ों लोगों के सामने बच्चों के फीस जमा करने की समस्या संगीन होकर अब धरना-प्रदर्शन आदि के रूप में सामने आयी है व उन्हें पुलिस के डण्डे खाने पड़ रहे हैं, जो अति-दुःखद।1/2
— Mayawati (@Mayawati) September 12, 2020
शाही खर्चे में करें कटौती
उन्होंने दूसरे ट्वीट में कहा, 'ऐसे ‘एक्ट ऑफ गॉड’ के समय में संवैधानिक मंशा के अनुरूप सरकार की कल्याणकारी राज्य होने की भूमिका खास तौर से काफी बढ़ जाती है. केन्द्र व राज्य सरकारें अपने शाही खर्चे में कटौती करके सरकारी व प्राइवेट स्कूल फीस की प्रतिपूर्ति करें अर्थात व्यापक जनहित में बच्चों की स्कूल फीस माफ करें.'
2.ऐसे ’एक्ट आफ गाॅड’ के समय में संवैधानिक मंशा के अनुरूप सरकार को कल्याणकारी राज्य होने की भूमिका खास तौर से काफी बढ़ जाती है। केन्द्र व राज्य सरकारेंअपने शाही खर्चे में कटौती करके सरकारी व प्राइवेट स्कूल फीस की प्रतिपूर्ति करें अर्थात व्यापक जनहित में बच्चों की स्कूलफीस माफ करें
— Mayawati (@Mayawati) September 12, 2020
फीस माफी की मांग
गौरतलब है कि कोरोना महामारी के चलते स्कूल-कॉलेज सब बंद हैं. यहां तक इस दौर में कई लोग बेरोजगार हो गये. उनके सामने आर्थिक संकट आ खड़ा हुआ है. बच्चों की स्कूल फीस जमा करना उनके लिये भारी पड़ रहा है. बेहद गरीब घरों में हालात और ज्यादा खराब हैं. विपक्षी दल लगातार मांग कर रहे हैं कि लॉकडाउन के दौरान स्कूलों की फीस माफ की जाए.
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