भोपाल: मध्य प्रदेश में बढ़ते जा रहे कोरोना के मामलों ने सरकार को चिंता में डाल दिया है. ग्वालियर में एक हफ्ते के लिए लॉकडाउन लागू हो गया है तो वहीं इंदौर और भोपाल पर लॉकडाउन का खतरा मंडरा रहा है. कांग्रेस का कहना है कि ये राजनीतिक कोरोना है यानी ये सब बीजेपी सरकार की उपचुनाव टालने की साज़िश है.


भोपाल के इब्राहिम गंज इलाक़े में सोमवार से एक हफ्ते का लॉकडाउन लगा हुआ है. इस इलाक़े में अचानक कोरोना के मरीज़ बढ़े तो प्रशासन को मजबूरन ये कदम उठाना पड़ा. यहां की गालियों में सन्नाटा पसरा है और हर तरफ पुलिस का पहरा है. डाक्टरों की टीमें घर-घर जाकर सैंपल ले रहीं हैं.


डाक्टर सिद्धार्थ कहते हैं कि पिछले कुछ दिनों में यहां से एक दिन में बीस और तीस मरीज मिले, तो चिंता हुई मगर अब हालत बेहतर हो रहे हैं. भोपाल के इस छोटे से मोहल्ले में सौ के करीब कोरोना संक्रमित लोग हैं, तो भोपाल में कुल संख्या चार हज़ार तक जा पहुंची है.


इंदौर में एक हज़ार से ज़्यादा एक्टिव केस हैं. वहीं पूरे मध्य प्रदेश में 19 हज़ार केस सामने आए हैं. मुरैना, ग्वालियर में भी तेज़ी से मामले बढ़े हैं. ग्वालियर में अब बढ़ते केस पर क़ाबू पाने के लिए एक हफ़्ते का सख्त लॉकडाउन लग गया है.


भोपाल और इंदौर में भी लॉकडाउन का खतरा मंडराने लगा है. उधर सरकार के मंत्री इसका खंडन करते हैं और वक्त पड़ने पर ही लॉकडाउन लगाए जाने की बात करते हैं. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा कहते हैं कि अभी हालात इस लायक़ नहीं हुए हैं की लॉकडाउन लागू करने की नौबत आए. फिर भी प्रदेश में वॉट्सएप पर लॉकडाउन के संदेशों ने लोंगों को डरा दिया है.


पूरे प्रदेश में पिछले दस दिन से लगातार 300 से ज़्यादा कोरोना के केस सामने आ रहे हैं. उधर सरकार को आने वाले दिनों में 25 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव भी कराना है. इस हालत में चुनाव टाले भी जा सकते हैं. यही वजह है कि कांग्रेस इसे सरकार की नाकामी बताकर इसे पॉलिटिकल कोरोना कह रही है. कांग्रेस कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी कहते हैं कि ये चुनाव टालने की साज़िश लगती है. अनलॉक के बाद एमपी क्या पूरे देश में कोरोना के केस बढ़े हैं.


इन हालातों में कैसे उपचुनाव होंगे इस बात ने सरकार और विपक्ष दोनों को चिंता में डाल दिया है.


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