Chandrayaan 3 Mission Live: चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लिए दुआओं का दौर जारी, वैज्ञानिकों पर दिग्विजय सिंह के बयान पर सियासत तेज
Chandrayaan 3 Moon Mission Live: चंद्रयान को लेकर देश भर में उत्साह जोरों पर है. इसी क्रम में नेताओं और समाज के अन्य वर्गों से बधाईयों और शुभकामनाओं का तांता लगा हुआ है. यहां पढ़ें खास अपडेट्स
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ISRO Chandrayaan 3 Mission Live: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के महत्वाकांक्षी तीसरे चंद्र मिशन के तहत चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल (एलएम) बुधवार शाम को चंद्रमा की सतह पर उतरने को तैयार है. ऐसा होने पर भारत पृथ्वी के एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बनकर इतिहास रच देगा. लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) से युक्त लैंडर मॉड्यूल के बुधवार को शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र के निकट सॉफ्ट लैंडिंग करने की उम्मीद है.
यदि चंद्रयान-3 मिशन चंद्रमा पर उतरने और चार साल में ISRO की दूसरी कोशिश में एक रोबोटिक चंद्र रोवर को उतारने में सफल रहता है तो भारत अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ के बाद चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा. चंद्रमा की सतह पर अमेरिका, पूर्व सोवियत संघ और चीन ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कर चुके हैं, लेकिन उनकी ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर नहीं हुई है.
चंद्रयान-3 की निर्धारित ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ से चंद दिन पहले चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने की दौड़ में रूस उस वक्त पीछे छूट गया था, जब उसका रोबोट लैंडर चंद्रमा की सतह पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. रूसी लैंडर लूना-25 अनियंत्रित कक्षा में जाने के बाद चंद्रमा पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था.
ISRO ने कहा है कि मॉड्यूल को आंतरिक जांच से गुजरना होगा और निर्दिष्ट लैंडिंग स्थल पर सूर्योदय का इंतजार करना होगा. उसने कहा कि चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट-लैंडिंग करने के लिए प्रक्रिया बुधवार शाम लगभग 5:45 बजे शुरू होने की उम्मीद है.
गत 14 जुलाई को प्रक्षेपण के बाद, चंद्रयान-3 ने 5 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया. वहीं 17 अगस्त को इसके दोनों मॉड्यूल को अलग करने से पहले, 6, 9, 14 और 16 अगस्त को उपग्रह को चंद्रमा के और नजदीक लाने की कवायद की गई थी.
चंद्रमा पर सफल लैंडिंग की उम्मीद करता हूं: राकेश शर्मा
जहां पूरा देश चंद्रयान 3 लैंडर के चंद्रमा पर उतरने का बेसब्री से इंतजार कर रहा है, वहीं अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय राकेश शर्मा ने बुधवार को कहा कि इसरो के काम करने के तरीके को जानकर, मैं गर्व से कह सकता हूं कि चंद्रयान 3 की सुरक्षित लैंडिंग होगी.''
दिग्विजय के बयान पर सियासत शुरू
मध्य प्रदेश के BJP प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि , "...दिग्विजय सिंह देश को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं...वह इस पर सवाल उठा रहे हैं तो हर किसी को चंद्रयान-3 और हमारे वैज्ञानिकों पर गर्व है. उन्हें चंद्रयान की सफल लैंडिंग के लिए प्रार्थना करनी चाहिए
चंद्रमा की सतह पर उतरने और इतिहास रचने की तैयारी में चंद्रयान-3
भारत इतिहास रचने के करीब है क्योंकि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के महत्वाकांक्षी तीसरे चंद्र अभियान चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल (एलएम) बुधवार शाम को चंद्रमा की सतह को छूने को तैयार है. ऐसा होने के बाद भारत यह उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश और धरती के एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बन जाएगा, जो अब तक अनछुआ रहा है.
चंद्रयान मिशन की प्रमुख विशेषताएं-तमिल कनेक्शन और वैज्ञानिक पेलोड
चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग की योजना के अलावा चंद्रयान मिशन का तमिल कनेक्शन और इसके मॉड्यूल पर वैज्ञानिक पेलोड की मौजूदगी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के महत्वाकांक्षी चंद्र अभियानों की दो प्रमुख विशेषताएं हैं. चंद्रयान मिशन के तमिल कनेक्शन का संदर्भ इस बात से है कि भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम से जुड़े महत्वाकांक्षी चंद्र अभियानों का नेतृत्व तमिलनाडु के तीन वैज्ञानिकों ने किया है. 'भारत के मून मैन' कहलाने वाले मयिलसामी अन्नादुरई ने 2008 में पहले चंद्रयान मिशन और एम वनिता ने 2019 में चंद्रयान-2 मिशन का नेतृत्व किया था, जबकि एम वीरमुथुवेल मौजूदा चंद्रयान-3 मिशन की कमान संभाल रहे हैं.
झारखंड के शीर्ष तकनीकी संस्थानों और स्कूलों में चंद्रयान-3 की लैंडिग का सीधा प्रसारण किया जाएगा
झारखंड के शीर्ष तकनीकी संस्थान सहित कई स्कूल युवा वैज्ञानिकों में अंतरिक्ष अन्वेषण के प्रति जुनून जगाने के लिये बुधवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 की लैंडिंग का सीधा प्रसारण करेंगे. अधिकारियों ने बताया कि धनबाद स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी-आईएसएम), मेसरा स्थित बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (बीआईटी), नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी (एनआईएएमटी) और अन्य संस्थानों ने तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 की लैंडिंग का सीधा प्रसारण करने की व्यवस्था की है.