Bastar News: छत्तीसगढ़ के बस्तर में रेल सुविधाओं के विस्तार की मांग, भारतमाला सड़क की मांग और नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण के विरोध में लगभग 1 लाख बस्तरवासी पोस्ट के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी इन मांगों को लेकर चिट्ठी भेजने की तैयारी में है. बस्तरवासियो का कहना है कि लंबे समय से बस्तर के लोगों के द्वारा यह तीन मांग की जा रही है और इसके लिए कई बार आंदोलन भी किया जा चुका है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होता देख बस्तर वासियों ने अपनी मांगों को लेकर हल्ला बोलने के लिए दिल्ली रुख करने का मन बना लिया है. हालांकि इससे पहले बस्तर वासी अपने तीन मांगों को लेकर पोस्ट के जरिए प्रधानमंत्री को चिट्ठी भेजने की तैयारी में जुट गए हैं. बस्तर विकास मंच के बैनर तले दिल्ली में अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन की रूपरेखा तैयार की गई है. हालांकि बस्तर वासियो को उम्मीद है कि हल्ला बोल से पहले चिट्ठी का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री उनकी मांगे जरूर पूरी करेंगे.


दरअसल, बस्तर में रेल लाइन विस्तार, भारत माला परियोजना को बस्तर की सड़क से जोड़ने और नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण के विरोध में बस्तरवासी दिल्ली में आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर रहे हैं. हालांकि बस्तर विकास आंदोलन के लोगों का कहना है कि इससे पहले करीब 1 लाख लोगों को इस अभियान से जोड़ा जाएगा, और यही एक लाख लोग पोस्ट के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी मांगों को लेकर चिट्ठी भेजेंगे. साथ ही  नगरनार में स्थित एनएमडीसी स्टील प्लांट के निजीकरण के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका भी लगाएंगे. इन तीनों मांगों को लेकर बस्तर विकास आंदोलन के बैनर तले आंदोलन की शुरुआत की जा रही है.


इस आंदोलन के सदस्य साकेत शुक्ला ने बताया कि रायपुर से विशाखापट्टनम तक एक्सप्रेस वे भारतमाला परियोजना का काम चल रहा है, लेकिन इसे बस्तर से नहीं जोड़ा गया है इस एक्सप्रेस हाइवे का लाभ बस्तरवासियों को नहीं मिल रहा है. ऐसे में जगदलपुर से नगरनार होते एक नई सड़क बनाकर इसे भारतमाला परियोजना से जोड़ने की मांग बस्तरवासी कर रहे हैं, ताकि इसका फायदा बस्तर वासियो को भी मिल सके. इससे रायपुर और विशाखापट्टनम की दूरी महज 4  से साढ़े 4 घंटे में सिमट जाएगी. उन्होंने कहा कि नगरनार एनएमडीसी स्टील प्लांट लगने से पहले बस्तर के लोगों की जमीन अधिग्रहण की गई थी. लोगों ने अपनी जमीन इसलिए दी थी ताकि इस प्लांट को सरकार चलाए, लेकिन अब केंद्र सरकार इस प्लांट को निजी हाथों में सौंप रही है. 


इस मामले को लेकर अब बस्तर के 1 लाख लोग प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखेंगे, साथ ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दर्ज करवाई जाएगी. इसके अलावा पिछले कई सालों से बस्तर को रेल मार्ग के माध्यम से राजधानी रायपुर से जोड़ने की भी मांग की जा रही है, लेकिन इस पर भी अब तक कोई कवायद नहीं की गई है. रावघाट रेल परियोजना का काम भी रोक दिया गया है, जिस वजह से जगदलपुर सीधे ट्रेन के माध्यम से राजधानी रायपुर नहीं जुड़ पा रही है. इसके अलावा पैसेंजर ट्रेनों की संख्या बढ़ाने की मांग भी लगातार बस्तर वासियो के द्वारा की जा रही है, लेकिन कई सालों से केवल 4 पैसेंजर ट्रेन की सुविधा ही बस्तर वासियो को मिल पा रही है और एक पैसेंजर ट्रेन दुर्ग इंटरसिटी एक्सप्रेस के परिचालन में पिछले 4 सालों से रोक लगा दिया गया है. ऐसे में बस्तरवासियों ने अब इस ट्रेन को दोबारा शुरू करने की मांग के साथ रेल सुविधाओं के विस्तार और अन्य दो मांगों को लेकर आंदोलन करने का मन बना लिया है.


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