Bastar Rain: पूरे देश में इस समय भीषण गर्मी पड़ रही है. मॉनसून भी अपने तय समय से लेट हो गया है. छत्तीसगढ़ का बस्तर भी इस समय भीषण गर्मी की चपेट में हैं. पिछले 15 साल का रिकॉर्ड तोड़ते हुए इस साल बस्तर का तापमान 43 डिग्री तक पहुंच गया है. जानकारों के मुताबिक हर साल जून महीने के पहले सप्ताह में बस्तर में प्री मॉनसून दस्तक दे देता था और बारिश शुरू हो जाती थी लेकिन इस साल अभी तक बस्तर में प्री-मॉनसून की बारिश नहीं हुआ है.


वर्षा के देवता को मानने में लगे बस्तर के लोग
इसी बीच अब बस्तर संभाग के अलग-अलग गांवों में बारिश की कामना को लेकर आदिवासी वर्षा देवता की पूजा शुरू हो गई है. गांव-गांव में वर्षा देवता के लिए जात्रा का भी आयोजन किया जा रहा है. दरअसल बस्तर में आदिवासी भीमा- भिमिन देवी देवता के जोड़ी की पूजा करते हैं, इन्हें वर्षा का देवता भी कहा जाता है. बस्तर के लोग मानते हैं कि भीमा- भिमिन देवी देवता  को खुश करने से ही अच्छी बारिश होगी. इन देवी देवता का निर्माण साल पेड़ के काष्ठ स्तम्भों से किया जाता है और जात्रा के दौरान विवाह उत्सव की भी रस्म निभाई जाती है.


भीषण गर्मी से परेशान हो रहे लोग
बस्तर में आदिवासी पंरपरा के जानकर हेमंत कश्यप ने बताया कि मई के महीने से बस्तर संभाग के अलग-अलग ग्रामीण अंचलों में भीमा-भिमिन देवी देवता के जात्रा का आयोजन शुरू हो जाता है, बकायदा इस जात्रा में पूरे गांव के लोग इक्कठे होते हैं और अच्छी बारिश के लिए ग्रामीणों के द्वारा पूजा की जाती है. ग्रामीण भीमा-भिमिन देवी देवता को वर्षा का देवता कहते हैं, इस साल बस्तर में मॉनसून की लेटलतीफी होने की वजह से गांव गांव में भीमा-भिमिन की पूजा-अर्चना की जा रही है और ग्रामीण अपने वर्षा देवता से जल्द से जल्द और अच्छी बारिश की मनोकामना मांग रहे हैं.


हेमंत कश्यप ने बताया कि सिर्फ बारिश के लिए ही नहीं बल्कि सुख शांति समृद्धि के लिए भी भीमा-भीमिन देवी देवता से मन्नत मांगी जाती है. बस्तर जिले के बिनता पंचायत में भी सैकड़ों आदिवासियों द्वारा प्रकृति के साथ तालमेल बनाते हुए क्षेत्र की सुख शांति के लिए भीमा जात्रा का आयोजन किया गया और इस साल जल्द से जल्द और अच्छी बारिश होने की मनोकामना मांगी गई जिससे किसानों के फसल अच्छी हो सके, बकायदा इसके लिए गांव के पुजारी, पटेल, सिरहा, गुनिया देवी देवताओं की विशेष पूजा अर्चना करते हैं, वहीं मान्यता है कि भीमा- भिमिन देवी देवता बस्तर के प्रसिद्ध जोड़ों में से एक है और यह ग्रामीणों के लिए कुल देवता भी माने जाते हैं.


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