परीक्षा में फेल होने पर बड़े भाई ने मारा था थप्पड़, नाराज होकर बन गया नक्सली, अब परिजनों को मिला शव
Naxal Encounter: 30 अप्रैल को मुठभेड़ में 10 हार्डकोर माओवादियों को मार गिराया गया था. मारे गये नक्सलियों में 8 लाख का इनामी विनय उर्फ रवि भी था. परिजनों को 55 साल की उम्र में रवि का शव मिला.
Narayanpur News: नारायणपुर के अबूझमाड़ इलाके में बीते 30 अप्रैल को मुठभेड़ में 10 हार्डकोर माओवादियों को मार गिराया गया था. मारे गये नक्सलियों के परिजन शव लेने के लिए पहुंचने लगे हैं. नक्सली कमांडर विनय उर्फ रवि के परिजन भी शव लेने पहुंचे. विनय उर्फ रवि पर 8 लाख रुपये इनाम का घोषित था. मारे गये ज्यादातर नक्सली तेलंगाना के रहने वाले थे. तेलंगाना के अदिलाबाद जिले का निवासी विनय उर्फ रवि दसवीं में फेल होने के बाद नक्सली संगठन में शामिल हुआ था. शव लेने पहुंचे नक्सली कंमाडर विनय उर्फ रवि के बड़े भाई ने एबीपी लाइव से खास बातचीत की. उसने बताया कि कैसे विनय उर्फ रवि नक्सली बना.
राजा ने बताया कि 40 साल पहले रवि दसवीं कक्षा में फेल हो गया था. पढ़ाई में मन नहीं लगने की वजह से हमेशा डांट पड़ती थी. नतीजा आने के बाद पता चला कि रवि फेल हो गया है. गुस्से में रवि को एक चांटा मार दिया. थप्पड़ से आहत होकर रवि ने घर छोड़ दिया. परिवार वालों ने दूसरे दिन रवि की पतासाजी की और रिपोर्ट भी दर्ज कराया. लेकिन उसका पता नहीं चल सका. कुछ साल बाद खबर मिली कि माओवादी संगठन में शामिल हो गया है.
नारायणपुर मुठभेड़ में 10 नक्सली हुए थे ढेर
भाई ने बताया कि रवि बाल संघम के रूप में काम करने लगा था. उसके बाद कभी रवि का परिजनों से संपर्क नहीं हो पाया. बस जानकारी मिलती थी कि रवि माओवादी संगठन में अब पूरी तरह से शामिल हो चुका है. उसने बड़े माओवादी लीडर्स के साथ तेलंगाना भी छोड़ दिया है. माओवादी संगठन में शामिल होने के बाद रवि कभी दोबारा घर नहीं लौटा. कई बार नाराजगी दूर कर घर वापस आने की खबर भी भिजवाई गई. रवि से पुलिस के सामने सरेंडर करने की अपील भी की गई. लेकिन वापस नहीं लौटा.
कुछ साल पहले जानकारी मिली कि छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के बॉर्डर में रवि सक्रिय हो गया है. महाराष्ट्र में हुए कई बड़ी नक्सली हमले में रवि का नाम सामने आया. उसके बाद 01 मई को जानकारी मिली कि रवि मुठभेड़ में मारा गया है. नारायणपुर पुलिस ने रवि की फोटो जारी की थी. फोटो से रवि की पहचान हो गयी. 15 साल की उम्र में घर से निकला रवि दोबारा कभी नहीं लौटा. अब 55 साल की उम्र में परिजनों ने रवि का शव देखा. नक्सली कमांडर रवि के बड़े भाई को आज भी दसवीं में फेल होने पर थप्पड़ मारने का अफसोस है. उसने कहा कि ना मैं उस पर हाथ उठाता और ना ही आज मुझे 40 साल बाद भाई को इस हाल में देखना पड़ता.
विनय उर्फ रवि पर था 8 लाख का इनाम
पुलिस ने रवि के शव को परिजनों को सौंप दिया. परिजनों ने रवि के शव का गृह ग्राम में अंतिम संस्कार कर दिया है. नारायणपुर के पुलिस अधिकारियों का कहना है कि विनय उर्फ रवि काफी सालों से माओवादी संगठन में सक्रिय रहा. उसने छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और तेलंगाना में भी कई बड़े नक्सली लीडरों के साथ काम किया. महाराष्ट्र में कई बड़ी नक्सली वारदातो में शामिल होने का आरोपी भी रहा है. महाराष्ट्र के अलग-अलग थानों में 8 से अधिक अपराधिक मामले रवि पर दर्ज हैं. छत्तीसगढ़ की पुलिस ने 8 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था.
बस्तर में स्कूल जतन योजना का बुरा हाल, जर्जर हालत में 400 से ज्यादा स्कूल भवन