भानुप्रतापपुर: छत्तीसगढ़ के भानूप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव में नाम वापसी के अंतिम दिन 14 लोगों ने अपने अपने नाम वापस ले लिए. इसके बाद से अब भानुप्रतापपुर उपचुनाव में कुल सात प्रत्याशी चुनावी मैदान में रह गए हैं. दरअसल सोमवार को नाम वापसी का अंतिम दिन था. अंतिम दिन सर्व आदिवासी समाज के प्रत्याशियों के साथ अन्य निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी नाम वापस ले लिए. 


भानूप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव में अब जो सात लोग चुनाव मैदान में हैं, उनमें कांग्रेस के सावित्री मंडावी, बीजेपी से ब्रह्मानंद नेताम, अंबेडकराइट पार्टी से शिवलाल पुडो, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से घनश्याम जुर्री, राष्ट्रीय जनसभा से डायमंड नेताम, निर्दलीय आदिवासी समाज से अकबर कोर्राम, दिनेश कुमार कल्लो के नाम शामिल हैं. 


एक्जिट पोल पर लगा प्रतिबंध
सोमवार को नाम वापसी के अंतिम दिन के बाद अब सात प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं. जल्द ही इन्हें चुनाव चिन्ह आंबटित करने के बाद भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए चुनाव प्रचार प्रसार शुरू हो जाएगा. इधर बीजेपी-कांग्रेस पहले ही यहां अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. दोनों के बीच आरोप-प्रत्यारोप को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है. हालांकि इस चुनाव मैदान में खड़े हुए नए प्रत्याशी भी अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं, लेकिन उनके दावों की पोल आठ दिसंबर को खुलेगी जब उपचुनाव के नतीजे सामने आ जाएंगे. 


इधर निर्वाचन आयोग ने भानूप्रतापपुर चुनाव को लेकर एग्जिट पोल पर भी प्रतिबंध लगा दिया है. चुनाव आयोग की ओर से जारी प्रेस नोट पर साफ लिखा गया है कि पांच दिसंबर को मतदान के दिन शाम साढ़े 6 बजे तक एग्जिट पोल पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा.


क्यों हो रहा है भानुप्रतापपुर में चुनाव


कांग्रेस विधायक मनोज सिंह मंडावी के निधन की वजह से भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव कराया जा रहा है. मंडावी का 16 अक्टूबर को आकस्मिक निधन हो गया था. मंडावी आदिवासी समाज के कद्ददावर नेता थे. वे भानुप्रतापपुर से 2013 और 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर जीते थे. उन्हें 2008 के चुनाव में बीजेपी के ब्रह्मानंद नेताम हराया था. कांग्रेस उम्मीदवार सावित्री मंडावी मनोज सिंह मंडावी की पत्नी है. वहीं ब्रह्मानंद नेताम इस बार फिर बीजेपी के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं. 


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