Chhattisgarh: नौकरी लगाने के नाम पर तीन लोगों से ठगे 15 लाख रुपये, ऐसे गिरफ्त में आया आरोपी
दुर्ग में पुलिस में नौकरी लगाने के नाम पर तीन लोगों से 15 लाख रुपये की ठगी करने का मामला सामने आया है. पुलिस ने ठगी करने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.
Durg News: ग्रामीण इलाकों के बेरोजगार युवक को अपने जाल में फंसाकर सरकारी नौकरी (Government Job) लगाने के नाम पर धोखाधड़ी (Fraud) का सिलसिला थमने का नाम नही ले रहा है ठग करने वाले लोग ग्रामीण इलाकों के पढ़े-लिखे बेरोजगारों को अपना शिकार बना रहे है. सरकारी नौकरी का लालच देकर लाखों रुपए ठग रहे हैं. ऐसा ही एक मामला दुर्ग (Durg) के रानीतराई थाना क्षेत्र में आया है. जिसमे आरोपी ठग ने तीन लोगों से लाखों रुपए पुलिस में नौकरी लगाने के नाम पर ठगी की है. पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.
पुलिस में नौकरी लगाने के नाम से तीन लोगों से जी 15 लाख की ठगी
रानीतराई थाना प्रभारी मनोज प्रजापति ने बताया कि रेंगाकठेरा निवासी मिलेश चतुर्वेदी ने थाने में लिखित शिकायत के आधार पर आरोपी के खिलाफ 420 का मामला दर्ज कर पुलिस जांच में जुट गई थी. जांच के दौरान पुलिस को जानकारी लगी कि रेंगाकठेरा के 3 बेरोजगार युवक को आरोपी ने अपना शिकार बनाया है. जिनसे आरोपी ने तीनों युवक से 8 लाख,5 लाख,2 लाख कुल 15 लाख रुपए लिया है. आरोपी ठग बेरोजगारों को पुलिस विभाग में आरक्षक के पद पर नौकरी दिलाने का झांसा दिया था. वही आरोपी ने पैसे के बदले युवकों को चेक दिया था. पुलिस आरक्षक भर्ती में नाम नही आने पर युवकों ने आरोपी द्वारा दिए चेक को बैंक में लगाया गया. लेकिन वह बाउंस हो गया. जिसके बाद युवकों ने इस शिकायत थाने में की.
आरोपी खुद को एसआईबी और उच्च अधिकारियों जान पहचान के देता था झांसा
पुलिस ने बताया कि आरोपी दीपेंद्र नाग खुद को एसआईबी कांकेर में पदस्थ और एसपी, डीएसपी,भर्ती सेल के अधिकारियों से अच्छी पहचान व पकड़ बताकर बेरोजगार युवकों को अपने झांसे में लेता था. आरोपी नौकरी दिलाने के लिए युवकों से एडवांस के रूप में पहले 3 से 4 लाख देना और भर्ती का रिजल्ट आने के बाद 7 से 8 लाख रुपए देने को कहा था. आरोपी ने वर्ष 2012 में भी पुलिस विभाग में आरक्षक के पद पर कई युवकों नौकरी लगवाने और पीड़ितो को वर्ष 2017 आरक्षक भर्ती में नौकरी लगाने के नाम पर लाखो रूपये की धोखाधड़ी की है.
आरोपी लगातार बदल रहा था ठिकाना,साईबर सेल की मदद से आरोपी गिरफ्तार
आरोपी दीपेंद्र नाग घटना के बाद से लगातार अपना ठिकाना बदल रहा था. रानीतराई पुलिस ने साईबर सेल की मदद से आरोपी का मोबाइल लोकेशन ट्रेस कर रही थी इसी दौरान आरोपी का लोकेशन उसके घर फरसगांव का ट्रेस हुआ. जिसके बाद फरसगांव जिला कोंडागांव के लिए पुलिस की एक टीम भेजकर आरोपी को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी ने पुछताछ में पुलिस को बताया कि युवकों से नौकरी लगाने के नाम पर पैसा लेना स्वीकार किया है. पुलिस ने आरोपी दीपेंद्र नाग को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर दिया है. जहाँ कोर्ट ने आरोपी को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है.
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