Chhattisgarh: अंबिकापुर में अस्पताल नहीं ले रहे 2000 का नोट, कलेक्टर बोले- 'लीगल टेंडर होने के बावजूद...'
2000 Rupee Note: अंबिकापुर में 2000 हजार के नोट नहीं लेने से लोग स्वास्थ्य सेवाओं के दर- दर भटक रहे हैं. साथ उन्हें दूसरे जरुरी कामों को भी समय से पूरा करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
Ambikapur News: आरबीआई (RBI) ने दो हजार के नोटों के बंद करने के फैसले से आम लोग परेशान हैं. हालांकि ये नोट वैध रहेंगे और सितंबर तक इसे बैंक से बदला जा सकता है. इसके बावजूद अंबिकापुर (Ambikapur) के कई संस्थानों मे 2000 के नोट नहीं लिए जा रहे हैं, इन संस्थानों में जिले के कुछ हास्पिटल और क्लिनिक भी शामिल हैं. संस्थानों के इस फैसलों से आम लोग काफी परेशान हैं, जिन्होंने रोजाना के जरुरी खर्चों से दो हजार के नोट को जरुरी कामों के लिए बचाकर रखा था.
इस संबंध में जिले के निवासी मोहम्मद रब्बानी फिरदौसी बताते हैं कि वो जिले के एक निजी अस्पताल संकल्प में अपनी भाभी को इलाज के लिए भर्ती करने आए थे. जहां उन्होंने फीस के रुप में दो हजार के नोट दिये, जिसे अस्पताल ने लेने से इनकार कर दिया. मोहम्मद रब्बानी ने जब इसका कारण जानना चाहा तो अस्पताल के हर काउंटर में कहा गया कि प्रबंधक ने 2000 का नोट लेने से मना किया है. इतना ही रब्बानी जब मेडिकल स्टोर पर दवा लेने पहुंचे तो वहां भी नोटों को लेने से इनकार कर दिया गया.
अस्पताल में दो हजार का नोट नहीं लेने से लोग परेशान
मतलब साफ है कि जिन नोटों को रिजर्व बैंक द्वारा सितंबर माह तक वैध किया गया है, उनको अस्पताल जैसे संस्थान में नहीं लेने से लोगों को इलाज के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. दो हजार के नोट नहीं लेने से सिर्फ मोहम्मद रब्बानी ही इकलौत ऐसे पीड़ित नहीं है, जिनके साथ ये परेशानी हो रही है. बल्कि जिले के कई ऐसे लोगों को परेशान होते देखा गया जिनके पास दो हजार के नोट होने की वजह से अपने जरुरी काम समय से करने परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
मरीजों की इस समस्या के साथ हम एक ऐसे दवा की दुकान में पहुंचे, जहां के संचालक के खिलाफ लगातार ये शिकायत मिल रही थी कि वो 2000 का नोट नहीं ले रहे है. वहां पहुंच कर जब उनसे नोट नहीं लेने का कारण पूछा गया तो लड़खड़ाती जबान के साथ पहले तो उन्होंने कहा कि 2000 का नोट बंद हो गया है, इसलिए हम लोग ये नोट नहीं ले रहे है. इसके बाद दवा दुकान संचालक ने खरीददार को हमारे सामने ये नसीहत दी कि जब ये नोट बंद हो गया है तो इसे जाकर बैंक में जमा कराए. मतलब कुल मिलाकर एक तरफ़ दो हज़ार के नोट जमा पूंजी की तरह रखने वाले लोग अब उसका उपयोग करना चाह रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर शहर के कुछ संस्थान इसको सितंबर से चार महीने पहले ही लेने से मना कर रहे हैं.
दो हजार के नोट नहीं लेने वालों पर होगी कार्रवाई- जिला कलेक्टर
इस संबंध में जब मीडिया के लोगों ने जिला कलेक्टर कुंदन कुमार से जानना चाहा तो उन्होंने कि जिला प्रशासन इस तरह की कोई गाइडलाइन जारी नहीं कर सकता है. ये तो रिजर्व बैंक की गाइडलाइन है. रिजर्व बैंक के गाइडलाइन में साफ निर्देश है कि 20 सितंबर तक 2000 के नोट लीगल टेंडर रहेंगे. उन्होंने कहा कि जो शिकायत आ रही हैं, हो सकता है कुछ अफवाहों के कारण ऐसा हो रहा हो. कलेक्टर ने लोगों से अपील की है कि जो आरबीआई की निर्धारित डेट है, उसके पहले तक 2000 के नोट लीगल टेंडर हैं. ऐसे में अगर कोई भी इन नोटों का ट्रांसजेक्शन कर रहा है तो उसे लेना चाहिए. अगर कोई नहीं लेता है तो उस पर शासन कार्यवाही करेगा.
इस दौरान कलेक्टर कुंदन कुमार से निजी अस्पताल और मेडिकल स्टोर के संचालकों द्वारा इन नोटों के नहीं लेने के संबंध में सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा जिन अस्पताल से ये शिकायत आ रही है, उनके प्रबंधकों से ये पूछा जाएगा कि आखिर किन कारणों से 2000 के नोट नहीं लिए जा रहे हैं. जिला कलेक्टर ने कहा कि लीगल टेंडर होने के बावजूद नोट लेने से इनकार करने वालों इसका जवाब देना पड़ेगा क्योंकि आरबीआई की गाइडलाइन से सब बंधे हैं.
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