Ambikapur News: सरगुजा और सूरजपुर ज़िले वालों के लिए ख़ुशख़बरी है. अब सरगुजा के जंगलों में धीरे-धीरे वन्य प्राणियों की संख्या में इज़ाफ़ा हो रहा है. पहले संभाग के सूरजपुर और एमसीबी ज़िले में बाघ और तेंदुआ देखे गए थे और अब सरगुजा संभाग मुख्यालय अम्बिकापुर के पास चीतल (बारासिंहा) देखे गए हैं. इस बात का पता तब चला जब जंगल से भटकता हुए चीतल का एक झुंड स्टेशन के पास पहुंच गया और दौड़ते वक्त कुएं में गिर गया. 


पुराने समय में सरगुजा का जंगल हाथियों, बाघ, भालू, तेंदुआ, हिरण और चीतल जैसे जंगली जानवरों का महफ़ूज़ ठिकाना था, लेकिन तब घने जंगल उनका रहवास हुआ करते थे पर विकास की आड़ में धीरे धीरे जंगल कटने लगे और आज स्थिति ये है कि अगर वन्य प्राणी इंसान को दिख गया तो उस पर विशेष चर्चा होने लगती है. आज जंगल में रहने वाले ऐसे ही खूबसूरत 4 चीतल का झुंड अचानक रेलवे स्टेशन के पास पहुंच गया, चीतल के झुंड को देखते ही कुत्ते उनके पीछे पड़ गए. कुत्तों से बचकर भाग रहे चीतल के झुंड में से एक चीतल कुएं में गिर गया और तीन जंगल की ओर भाग गए. स्थानीय लोगों ने मामले की सूचना वन विभाग को दी. सूचना पाकर मौके पर पहुंची वन विभाग और  एनडीआरएफ की टीम ने आधे घंटे के रेस्क्यू के बाद चीतल को सुरक्षित कुएं से निकाल लिया. 


'अक्सर दिखाई देते हैं चीतल'
इलाक़े के वीट गार्ड बताते हैं कि स्टेशन से लगे पिल्ला पहाड़ और उसके जंगल में ये चार चीतल बहुत दिनों से विचरण कर रहे हैं और अक्सर इलाक़े के मोरभंज बांध में पानी पीने आते रहते हैं. उन्होंने बताया कि जंगल भ्रमण के दौरान भी ये चारों जंगल में देखे गए हैं. फिलहाल कुएं से निकाले गए चीतल को मामूली चोट आई है जिसको इलाज के लिए वन विभाग के संजय पार्क ले ज़ाया गया है. वहीं स्थानिय लोगों ने बताया कि चीतल को पहली बार इस इलाक़े में देखा गया है.


'स्वस्थ होने के बाद जंगल में छोड़ेंगे'
सरगुजा वन विभाग के डीएफ़ओ पंकज कमल ने एबीपी न्यूज को बताया कि चीतल को कुएं से निकालकर संजय पार्क लाया गया है. इलाज के बाद उसे फ़िलहाल पार्क में ही रखा गया है. ठीक हो जाने पर उसे फिर से जंगल में छोड़ दिया जाएगा.


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