Adipurush: श्रीराम के ननिहाल से उठी 'आदिपुरुष' को बैन करने की मांग, CM बघेल ने कहा- 'हमारे भांचा का अपमान नहीं सहेंगे'
Adipurush Film Controversy: फिल्म आदिपुरुष में दिखाए गए किरदारों और डायलॉग को लेकर सीएम भूपेश बघेल ने कड़ी अपत्ति जताई है और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने भी फिल्म को बैन करने की मांग की है.
Adipurush Film Ban Controversy: बॉलीवुड की फिल्म आदिपुरुष (Adipurush) को लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने फिल्म निर्माताओं पर भगवान राम का अपमान करने का आरोप लगाया है. इसके साथ आदिपुरुष फिल्म पर कड़ी अपत्ति जताते हुए कहा है कि केंद्र सरकार से जवाब मांगा है और उन्होंने भगवान राम के अपमान करने वाले को माफी मांगने के लिए कहा है.
छत्तीसगढ़ में आदिपुरुष फिल्म पर बैन करने की मांग उठी
दरअसल 16 जून को आदिपुरुष फिल्म देशभर में रिलीज हुई है. लेकिन फिल्म के किरदार, डायलॉग को लेकर बवाल खड़ा हो गया है. देशभर में फिल्म की आलोचना हो रही है. इसी कड़ी भगवान राम के ननिहाल में भी राजनीति तेज हो गई है. आदिपुरुष फिल्म के मामले पहली बार कांग्रेस और बीजेपी के सुर एक साथ मिले है. बीजेपी ने भी आदिपुरुष फिल्म को बैन करने की मांग किया है.
CM ने कहा हमारे भांचा राम का अपमान हम नहीं सहेंगे
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्विटर पर लिखा कि मैंने 'आदिपुरुष' के बारे पढ़ा और सुना. अत्यधिक पीड़ा हो रही है कि आख़िर कैसे सेंसर बोर्ड ने एक ऐसी फ़िल्म को सर्टिफिकेट दे दिया जो हमारी आस्था से खिलवाड़ कर रही है. हमारे आराध्य का मजाक उड़ा रही है. केंद्र सरकार को इसका जवाब देना होगा. हमारे भांचा राम का अपमान हम नहीं सहेंगे. ज़िम्मेदार लोग माफ़ी मांगें.
BJP ने आदिपुरुष फिल्म को बैन करने की मांग
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयान के बाद छत्तीसगढ़ बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने ट्वीट किया है. उन्होंने छत्तीसगढ़ में आदिपुरुष फिल्म को बैन करने की मांग की है. उन्होंने लिखा है कि सोशल मीडिया के माध्यम से फिल्म आदिपुरुष के कुछ क्लीप की जानकारी मिली है.फिल्म में भाषा, वेशभूषा और सनातन संस्कारों से छेड़छाड़ किया गया है. ये फिल्म धार्मिक भावना को आहत करती है, मैं कड़े शब्दों में इसकी निंदा करता हूं. छत्तीसगढ़ शासन को ऐसी फिल्म प्रदेश में बैन करनी चाहिए.
छत्तीसगढ़ को भगवान राम के ननिहाल माना जाता है
गौरतलब है कि रामायण काल में छत्तीसगढ़ की दक्षिण कौशल कहा जाता था और दक्षिण कौशल के राजा भानुमांत की बेटी कौशल्या का उत्तर कौशल के दशरथ राजा के साथ विवाह हुआ था. इस लिए छत्तीसगढ़ में आज भी भगवान राम को भाँचा कहा जाता है. वहीं माता कौशल्या का जन्म स्थान राजधानी रायपुर से 30 किलोमीटर दूर चंदखुरी गांव को माना जाता है. इसी गांव में तालाब के बीच दुनिया का इकलौता माता कौशल्या का मंदिर है. इस मूर्ति में राम लल्ला माता कौशल्या के गोद में खेल रहे है.
यह भी पढ़ें: Chhattisgarh: कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाला चित्रकोट विधानसभा का क्या है इतिहास, क्या है यहां के राजनीतिक समीकरण?