सरगुजा कलेक्टर के आदेश के बाद आज एक शासकीय छात्रावास की अधीक्षीका को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है. ऐसा बहुत कम होता है जब कलेक्टर जनदर्शन में किसी शासकीय कर्मचारी की शिकायत के बाद तत्काल प्रभाव से हटा दिया जाए. हांलाकि इस मामले मे छात्रावस में रहने वाली बालिकाओं ने कलेक्टर के सामने आकर इस मामले की शिकायत थी. शिकायत भी गंभीर थी. लिहाजा कलेक्टर के आदेश पर सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग ने आदेश मिलते ही अधीक्षिका को हटा दिया है. उनकी जगह दूसरी अधीक्षिका को छात्रावास का प्रभार दे दिया गया है.
कलेक्टर ने सहायक आय़ुक्त को दिए निर्देश
संभाग मुख्यालय अम्बिकापुर में शासकीय कर्मचारियों की बेटियों के लिए शासकीय प्री मैट्रिक छात्रावास संचालित है. ये शहर के बनारस रोड स्थित टीसीपीसी कैंपस मे संचालित है. दरअसल मंगलवार को कलेक्टर जनदर्शन में इस शासकीय पुत्री छात्रावास की लड़कियों ने अधीक्षिका के बर्ताव के संबध मे कलेक्टर संजीव कुमार झा से शिकायत की थी. छात्राओं ने अपनी लिखित शिकायत में अधीक्षिका के खिलाफ 6 बिंदुओं में शिकायक की है. इसमें अधीक्षिका द्वारा छात्राओं पर मानषिक दबाव बनाने ,धमकी देने समेत हॉस्टल की साफ सफाई औऱ किचन की गंदगी की भी शिकायत की गई है. इधर छात्राओं की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर संजीव कुमार झा ने गंभीरता से लिया, क्योंकि हॉस्टल आदिवासी विकास विभाग के अधीन संचालित है. कलेक्टर ने अधीक्षिका पर कार्रवाई के लिए आदिवासी विकास विभाग के सहायक आय़ुक्त के निर्देश दिए.
ज्यादा फीस लेना मुख्य वजह
कलेक्टर के निर्देश के बाद सहायक आय़ुक्त ने अनीता राठौर को अधीक्षिका पद से हटा दिया है और उनके स्थान पर प्रयास कन्या छात्रावास की अधीक्षिका भारती सिंह को कर्मचारी पुत्री पोस्ट मैट्रिक छात्रावास का प्रभार सौंप दिया है. गौरतलब है कि शिकायक के कुछ घंटों के बाद ही हुई इस कार्रवाई की सबसे बड़ी वजह निर्धारित फीस से ज्यादा शुल्क लेना है. जानकारी के मुताबिक, पूर्व अधीक्षिका अनिता राठौर द्वारा नई आने वाली छात्राओं के तय फीस से ज्यादा छात्रावास फीस ली जाती थी जिसको लेकर पिछले दिनों छात्राओं ने छात्रावास अधीक्षिका से ज्यादा फीस को वापस किए जाने का निवेदन किया गया था. लेकिन जब उन्होने फीस लौटाने की मांग की तो अधीक्षिका ने छात्राओं को धमकी दी कि वो फीस अधिक लेने वाली बात किसी ने ना बताए. बहरहाल कलेक्टर जनदर्शन में शिकायत के बाद हुई इस कार्रवाई की चर्चा इसलिए भी है क्योंकि छात्राओं की मांग तुरंत मान ली गई. दूसरी वजह ये भी है कि लोगों को भरोसा होने लगा है कि कलेक्टर जनदर्शन में कोई शिकायत का तुरंत निदान भी होता है.
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