Narayanpur: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नारायणपुर जिले (Narayanpur District) में बीते एक अप्रैल को रावघाट खदान (Rawghat Mine) के विरोध में हुए कलेक्ट्रेट (collectorate) का घेराव और पुलिस के द्वारा लाठीचार्ज (lathi charge) के बाद अब इस मामले को लेकर रावघाट संघर्ष समिति और नारायणपुर सर्व आदिवासी आमने-सामने हो गए हैं. रावघाट संघर्ष समिति के विरोध में सर्व आदिवासी समाज और सरपंच सचिव संघ उतर गए हैं. एक तरफ जहां रावघाट संघर्ष समिति इस खदान का विरोध कर रही है तो दूसरी तरफ अब सर्व आदिवासी समाज और सरपंच सचिव संघ ने रावघाट को शुरू करने का समर्थन दिया है. 


कार्रवाई की मांग को लेकर कलेक्टर को लिखा पत्र
दरअसल, नारायणपुर सर्व आदिवासी समाज और सरपंच सचिव संघ ने नारायणपुर कलेक्टर के नाम पत्र लिखकर मांग की है कि बीते एक अप्रैल को रावघाट संघर्ष समिति के पदाधिकारियों द्वारा रावघाट खदान प्रभावित क्षेत्रों के सरपंचों को खुलेआम गलत शब्दों का इस्तेमाल किया गया है, इसके साथ ही उन्हें बदनाम करने की कोशिश की गई है. ऐसे में सर्व आदिवासी समाज ने रावघाट संघर्ष समिति के पदाधिकारियों पर कार्यवाही करने की मांग की है.


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आदिवासी समाज और जिला सरपंच ने की निंदा
इसके अलावा उन्होंने अपने मांग में यह भी कहा है कि बीते एक अप्रैल को रावघाट संघर्ष समिति के द्वारा आंदोलन के सभा स्थल में अपने नैतिक समर्थन में सर्व आदिवासी समाज के बड़े पदाधिकारी मौजूद रहे उनके साथ भी संघर्ष समिति के कुछ लोगो के द्वारा गलत व्यवहार किया गया. इस घटना का सर्व आदिवासी समाज और जिला सरपंच संघ निंदा करता है. इसके अलावा सर्व आदिवासी समाज ने मांग की है कि बीते एक अप्रैल को कलेक्ट्रेट के घेराव के दौरान रावघाट संघर्ष समिति में कुछ असामाजिक तत्व के लोग भी शामिल हुए थे जिनके द्वारा पुलिस की बैरिकेट्स को तोड़ना, पुलिस पर पत्थरबाजी करना और दरवाजे को तोड़ने जैसे घटनाओं को अंजाम दिया गया है. जिसका सरपंच संघ और सर्व आदिवासी समाज निंदा करता है और ऐसे लोगों पर कार्रवाई की मांग करता है.


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