Ambikapur News: समर्थन मूल्य पर धान खरीदी समाप्त होने के एक सप्ताह गुजर जाने के बाद भी सरगुजा सहित संभाग के 203 उपार्जन केन्द्रों में तीस लाख 59 हजार 434 क्विंटल धान का उठाव नहीं हो सका है. कई केन्द्रों में बीस हजार क्विंटल से अधिक धान का अंबार लगा हुआ है. उठाव की गति अभी भी धीमी है, जिससे बिगड़े मौसम में धानों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन की भी चिंता बढ़ गई है. हालांकि धान को भीगने से बचाने के लिए तिरपाल, कैप कव्हर लगाए जा रहे हैं इसके बावजूद सबसे नीचे रखे गए धानों के भीगने का खतरा बना रहता है. 


गौरतलब है कि धान खरीदी वर्ष 2023-24 में संभाग में कुल एक लाख 80 हजार 315 किसानों से एक करोड़ ग्यारह लाख 52 हजार 286 क्विंटल धान की खरीदी हुई थी. अभी तक 72.57 प्रतिशत धान का उठाव हुआ है, जबकि शेष धान केन्द्रों में ही पड़े हुए हैं. सरगुजा जिले में 11 फरवरी तक की स्थिति में नौ लाख 58 हजार 634 क्विंटल धान का उठाव नहीं हो सका है. जबकि बलरामपुर में सात लाख 73 हजार 38 क्विंटल, सूरजपुर में साल लाख दस हजार 877 क्विंटल, कोरिया में नौ लाख 92 हजार 383 क्विंटल और एमसीबी में एक लाख 24 हजार 501 क्विंटल धान अभी भी पड़े हुए हैं.


धान उठाव में एमसीबी जिला आगे
धान उठाव के मामले में एमसीबी जिला संभाग में अव्वल बना हुआ है. अभी तक मनेन्द्रगढ़-भरतपुर-चिरमिरी जिला में 85.61 प्रतिशत के साथ सात लाख 40 हजार 330 क्विंटल धान का उठाव हुआ है, जबकि सरगुजा में 59.85 प्रतिशत के साथ 22 लाख 21 हजार 239 क्विंटल, बलरामपुर में 70.11 प्रतिशत के साथ 18 लाख 42 हजार 942 क्विंटल, सूरजपुर जिला में 78.32 प्रतिशत के साथ 25 लाख 67 हजार 470 क्विंटल और कोरिया जिला में 60.38 प्रतिशत के साथ सात लाख 50 हजार 270 क्विंटल धान का उठाव हुआ है.


इन केंद्रों में बीस-बीस हजार क्विंटल से अधिक धान पड़े हैं
सरगुजा जिला के कुन्नी, केरजू, गेरसा, जमगला, धीरपुर, पेटला, प्रतापगढ़, बटईकेला, बेलजोरा, भूसू, खड़गांव, राजापुर, ससौली, सीतापुर, बलरामपुर जिला के कुसमी, कामेश्वरपुर, चांदी, जमड़ी, डिंडो, ड्मरपान, धंधापुर, बड़कागांव, बलरामपुर, महराजगंज, विजयनगर, राजपुर, सूरजपुर जिला के कल्याणपुर, गोविंदपुर, चंदोरा, टुकुडांड़, दवनकरा, नवगई, प्रतापपुर, भैयाथान, रेवटी, लटोरी और कोरिया जिला के गिरजापुर, चिरमी, जामपारा, जल्दिा, धौराटिकरा, पटना, पोड़ी, बटईलुवा, बैमा, रजौली, सरभोका, सलबा, कटगोड़ी और सोनहत उपार्जन केन्द्र में बीस हजार क्विंटल से अधिक धान पड़े हुए हैं.


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