Ambikapur News: छत्तीसगढ़ बीजेपी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव (Arun Sao) गुरुवार से दो दिन के अम्बिकापुर (Ambikapur) दौरे पर हैं. विधानसभा चुनाव (Assembly Election) की नज़दीकियों और सत्ता वापसी कि चिंता के बीच बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने अम्बिकापुर पहुंचते ही बैठकों का दौर शुरु कर दिया है. अरुण साव दो दिन तक अपने कोर कमेटी, बूथ शक्ति केंद्र और विधानसभावार पदाधिकारियों की बैठक में हिस्सा लेंगे. इसी बीच उन्होंने स्थानीय बीजेपी कार्यालय में पत्रकारों से मुलाक़ात की. उन्होंने कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार और जन विरोधी काम करने समेत कई गंभीर आरोप लगाए.


प्रदेश अध्यक्ष ने ये कहा


बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि छत्तीसगढ़ में निश्चित तौर पर परिवर्तन की हवा बह रही है. बीते साढ़े चार वर्षों में छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने हर वर्ग के लोगों को ठगने और धोखा देने का काम किया है. जन घोषणा पत्र का कोई भी वादा पूरा नहीं किया गया. सरकार ने छत्तीसगढ़ को भ्रष्टाचार और अपराध का गढ़ बना दिया है. प्रदेश को माफ़ियाओ का भी गढ़ बना दिया है. नशे और धर्मांतरण का गढ़ भी बना दिया है. विकास के पूरे काम छत्तीसगढ़ में ठप्प है. 


'जनता में है काफी आक्रोश'


उन्होंने कहा कि इस सरकार के काम को लेकर राज्य की जनता में आक्रोश है. इसलिए जनता बदलाव चाहती है. बीजेपी जनता की इच्छाओं और अकांक्षाओं के अनुरूप जनता के मुद्दों को लेकर सड़क से सदन तक कि लड़ाई लड़ रही है. जनता का आशीर्वाद और सहयोग बीजेपी को मिल रहा है. निश्चित तौर पर बीजेपी 2023 में सरकार बनाएगी. 


'बीजेपी की सरकार में हो रहा था विकास'


अरुण साव ने कहा कि प्रदेश की जनता इस बात को महशूश कर रही है कि 2018 तक विकास तेज़ी से हो रहा था. केन्द्र सरकार की योजनाओं का लाभ आम जन तक पहुंच रहा था. पीएम आवास लेकर केन्द्र सरकार की अन्य जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लोगों को मिल रहा था. लेकिन, 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद पीएम आवास बनने बंद हो गए. जल जीवन मिशन के काम में भ्रष्टाचार शुरू हो गया. चावल घोटाला होने लगा है. इसलिए केन्द्र सरकार की योजनाओं का लाभ भी प्रदेश की जनता को नहीं मिल रहा है.


सरगुजा संभाग में एक भी सीट नहीं


दरअसल, प्रदेश में 15 साल तक राज करने वाली बीजेपी को अब विंधानसभा चुनाव फ़तह कर राज्य में सरकार बनाने की चिंता सताने लगी है. इसको लेकर चुनावी साल की शुरूआत से ही बीजेपी के प्रदेश प्रभारी और प्रदेशाध्यक्ष लगातार छत्तीसगढ़ के अलग अलग इलाक़ों का दौरा कर रहे हैं. ऐसे में सरगुजा की 14 और बस्तर की 12 विधानसभा सीटों पर बीजेपी का ज़्यादा फ़ोकस है. सरगुजा संभाग की बात करें तो अम्बिकापुर ज़िले की तीनों विधानसभा सीटें समेत संभाग की सभी 14 सीटें सत्ताधारी कांग्रेस के क़ब्ज़े में हैं. लिहाज़ा यहाँ धर्मांतरण, डिलिस्टिंग और पीएम आवास समेत चावल घोटाले के मुद्दे को बीजेपी तबियत से उछाल रही है. बीजेपी को उम्मीद है कि इन मुद्दों के सहारे वह सरगुजा में खोए हुए जनाधार को वापस पा लेगी. 


ये है बस्तर और सरगुजा की हकीकत


सरगुजा संभाग में पिछले विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद बीजेपी के सामने सबसे बड़ी चुनौती वो चेहरे हैं, जो चुनाव जीत कर सीट बीजेपी की झोली में डाल सकें. लेकिन, कड़वी हकीकत यह है कि बीजेपी के पास अम्बिकापुर की तीनों विधानसभा समेत करीब-करीब 10 सीटों पर कोई दमदार चेहरा नहीं है. ऐसे में बीजेपी को सबसे पहले कांग्रेस से जीतने के लिए जिन चेहरों की ज़रूरत है, उनकी खोज करनी चाहिए. लेकिन, चुनाव के लिए चंद महीने बचे हैं. ऐसे में अब तक बीजेपी ने जिताऊ उम्मीदवारों की ओर इशारा भी नहीं किया है. यही वजह है कि बीजेपी में चेहरों की कमी की बात चाय और पान ठेलो के साथ सार्वजनिक स्थानों में भी आम हो गई है.


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