Ambikapur Latest News: छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एसएनसीयू में एक ही दिन में चार नवजात बच्चों की मौत की दर्दनाक घटना ने हर किसी को दहला दिया. जिन बच्चों की मृत्यु हुई उनके परिजनों का दर्द कम होने का नाम नहीं ले रहा है. परिजनों द्वारा सीधा सीधा अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से घटना होने का आरोप लगाया जा रहा है. इस मामले में एक नवजात के पिता ने कलेक्टर जनदर्शन में आवेदन सौंपकर अपने दर्द को बयां किया है.
उनसे कहा है कि उसका बच्चा सिर्फ दूध नहीं पी रहा था इसलिए उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था. तब एसएनसीयू में ड्यूटी पर तैनात नर्सों द्वारा बताया गया था कि बच्चा स्वस्थ्य हो रहा है, दूध भी पीने लगा था. मृत नवजात के पिता का आरोप है कि अचानक उन्हें 5 नवंबर की सुबह फोन करके बताया गया कि आपके बच्चे की मौत हो गई है. पिता ने कलेक्टर को आवेदन सौंपकर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है.
दरअसल, बलरामपुर जिले के राजपुर ब्लॉक अंतर्गत धंधापुर निवासी राज मलिक पोर्ते ने ज्ञापन में बताया है कि उसकी पत्नी ने घर पर ही 2 दिसंबर को बच्चे को जन्म दिया था. बच्चे को मेडिकल कॉलेज अस्पताल अम्बिकापुर के एसएनसीयू वार्ड में दो दिसंबर की रात 8 बजे भर्ती कराया गया था. उसका वजन दो किलो था, सिर्फ दूध नहीं पीने की शिकायत थी. बच्चे के पिता ने बताया कि, एसएनसीयू में बच्चे के बारे में पूछे जाने पर बताया जाता था कि बच्चा स्वस्थ्य हो रहा है.
उसने दूध पीना शुरू कर दिया था. उन्होंने बताया है कि 4 दिसंबर की रात लगभग 11 बजे के बाद बार बार बिजली कटने लगी. इस दौरान कुछ माताओं को एसएनसीयू के भीतर गर्म कपड़े लेकर आने के लिए नर्सों द्वारा कहा गया.वार्मर बंद होने की वजह से बच्चों को गर्मी देने के लिए उन्हें ढंकने के लिए कहा गया.
पीड़ित पिता ने लगाए ये आरोप
पीड़ित पिता राज मलिक का आरोप है कि वार्मर बंद होने की जानकारी मुझे या मेरी पत्नी को नहीं दी गई और न ही गर्म कपड़े से ढंका गया. इसके कुछ घंटे बाद सुबह चार बजे बच्चो की मौत होनी शुरू हो गई. लेकिन मुझे सुबह 9 बजे के बाद फोन कर बताया गया कि बच्चे की मौत हो गई है. पिता का आरोप है कि बच्चे की मौत ठंड लगने से हुई है. लेकिन अस्पताल प्रबंधन अपनी गलती छिपाने के लिए बच्चे को गंभीर होना बता रही है.
इस मामले में पीड़ित पिता द्वारा दोषियों पर अपराधिक प्रकरण दर्ज करने और सरकार की ओर से मुआवजा राशि प्रदान किए जाने की मांग की गई है.
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने दोषियों पर कार्रवाई के दिए निर्देश
गौरतलब है कि अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में रविवार और सोमवार की दरम्यानी रात में लाइट कटने के बाद चार नवजात बच्चों की मौत हो गई है. इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने 48 घंटे के भीतर जांच पूर्ण पर दोषियों पर कार्रवाई के कड़े निर्देश दिए हैं. इस घटना के बाद प्रदेश की राजनीति भी गरमाई हुई है. प्रमुख विपक्षी दल इस मसले को लेकर सरकार से इस्तीफे की मांग कर रही है.
प्रशासन की ओर से कहा जा रहा है कि बच्चों की मौत का लाइट कटने से कोई सीधा संपर्क नहीं है क्योंकि वेंटीलेटर पर बैकअप सपोर्ट होता है.जो लाइट कटने के बाद भी चलता रहता है. वहीं परिजनों का आरोप है कि लाइट कटने के बाद वार्मर बंद हो गया था.इसलिए इस तरह की घटन हुई है.फिलहाल, डीएमई की पांच सदस्यीय टीम मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंची हुई है, नवजातों की मौत मामले में जांच जारी है.
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