Cataract Successful Operation in Ambikapur: अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में पहली बार चार वर्षीय मासूम के मोतियाबिंद का सफल ऑपरेशन हुआ है. बच्चा जन्मजात मोतियाबिंद की बीमारी से जूझ रहा था. स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव की पहल पर नेत्र विभाग को बच्चों का ऑपरेशन करने के लिए आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए गए थे. अभी तक मोतियाबिंद का पता चलने पर बच्चों को ऑपरेशन के लिए रायपुर रेफर कर दिया जाता था. जरूरी उपकरण मिलने के बाद जन्मजात मोतियाबिंद का ऑपरेशन संभव हो सका. 


जन्मजात मोतियाबिंद बच्चे की पहली बार सर्जरी


अस्पताल अधीक्षक डॉ लखन सिंह ने बताया कि अंबिकापुर विकासखंड के ग्राम खजूरी निवासी महेश कुमार सोनवानी का चार वर्षीय बेटा प्रवास कुमार जन्मजात मोतियाबिंद से जूझ रहा था. छोटी उम्र में बच्चा परेशानी को बयान नहीं कर पाता था. माता पिता को भी जन्मजात बीमारी का आभास नहीं हो पाया था. उम्र बढ़ने पर बच्चे को आंखों से कम दिखाई देने का पता चला. बच्चा दूर की वस्तुओं को नहीं देख पाता था. रोशनी में नजदीक से हाथों के इशारे को समझने की कोशिश करता था.


करीब एक माह पहले परिजन मेडिकल कॉलेज अस्पताल लेकर पहुंचे. नेत्र रोग विभाग की एचओडी डॉ रजत टोप्पो ने बच्चे की जांच की. जांच में मासूम को जन्मजात मोतियाबिंद होने का पता चला. सर्दी, खांसी और बुखार होने की वजह से बच्चे के ठीक होने का इंतजार किया जा रहा था. स्वस्थ होने के बाद आज सफलतापूर्वक ऑपरेशन को अंजाम दिया गया. पहले चरण का ऑपरेशन होने के बाद बच्चा स्वस्थ है. डॉ रजत टोप्पो के नेतृत्व में डॉ संतोष एक्का, डॉ पार्थ, सिस्टर देवी, वंदना ऑपरेशन टीम का हिस्सा बने. डॉ रजत टोप्पो ने बताया कि बच्चे की दोनों आंखों में मोतियाबिंद है. पहले चरण में आज बाएं आंख का ऑपरेशन किया गया है.


अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज को मिली सफलता


दो माह बाद दूसरे चरण में दाहिने आंख का ऑपरेशन किया जाएगा. डॉ टोप्पो ने आगे कहा कि सरगुजा जिले में अभी तक जन्मजात मोतियाबिंद वाले 6 बच्चों को ऑपरेशन के लिए रायपुर रेफर किया जा चुका है. मेडिकल कॉलेज में जरूरी उपकरण उपलब्ध होने पर आज पहली बार चार वर्षीय बच्चे के जन्मजात मोतियाबिंद का सफल ऑपरेशन किया गया. उन्होंने कहा कि बतौली में जन्मजात मोतियाबिंद की बीमारी से जूझ रही आठ वर्षीय एक बच्ची की पहचान हुई है .बच्ची के परिजनों को ऑपरेशन की सूचना भेजी जा रही है. 


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गूंगे, बहरे बच्चों के लिए भी सेंटर की हुई स्थापना


मेडिकल कॉलेज के डीन रामणेश मूर्ति ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव की विशेष पहल को सराहा. उन्होंने कहा कि चिकित्सा संसाधनों का लाभ अंचल के गरीब मरीजों को मिल रहा है. उन्होंने बताया कि पहली बार जन्मजात मोतियाबिंद की बीमारी से जूझ रहे बच्चे का ऑपरेशन हुआ है. गूंगे, बहरे बच्चों का इलाज करने के लिए भी सेंटर की स्थापना हुई है. कॉलेज के 15 विभागों में 48 पीजी सीट बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है. अभी तक 13 विभागों का एनएमसी की टीम निरीक्षण कर चुकी है. 


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