Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर (Ambikapur) में अवैध संबंध से गर्भवती हुई एक विधवा महिला ने अस्पताल में जुड़वा बच्चों को जन्म दिया. जुड़वा नवजात को अस्पताल कर्मचारियों और दलालों के माध्यम से दो महिलाओं ने अवैध रूप से गोद ले लिया. ये मामले थाने पहुंचा. हालांकि इस मामले में अभी तक रुपए के लेनदेन की पुष्टि नहीं हो पाई है. मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने नवजात को गोद लेने वाली दोनों महिलाओं को भी मणिपुर चौकी में बुलाया और नवजात को उसकी मां को सौंप दिया. 


2015 में हुई थी पति की मौत
घटना के संबंध में मणिपुर पुलिस चौकी से मिली जानकारी के अनुसार पत्थलगांव के ग्राम चंद्रपुर निवासी एक 30 वर्षीय महिला के पति की वर्ष 2015 में मौत हो गई थी. पति की मौत के बाद वह पड़ोस के एक विवाहित युवक के साथ रहने लगी. अवैध संबंधों से जब वह गर्भवती हुई तो वह युवक से लगातार शादी के लिए दबाव बना रही थी. युवक द्वारा इनकार किए जाने पर वह काफी परेशान थी. प्रसव पीड़ा बढ़ने पर सीतापुर में रहने वाली उसकी ननद ने उसे 24 मई को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया और 25 मई को उसने सामान्य प्रसव से जुड़वा पुत्रों को जन्म दिया. नवजात को एसएनसीयू वार्ड में भर्ती किया गया था. 


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कथित पति ने अपनाने से किया इनकार 
इस बीच 25 मई से 1 जून के बीच उसके दोनों नवजात वार्ड से गायब हो गए. मां ने जब ननद से पूछताछ की तो कथित रूप से ननद ने जानकारी दी कि दोनों नवजात की तबीयत अभी खराब है. उन्हें कुछ दिन वार्ड में ही रखना पड़ेगा. नवजातों को वार्ड में छोड़ उसकी मां को सीतापुर ले गए और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया. जहां करीब 10 दिनों तक मां भर्ती थी. जब वह चंद्रपुर पहुंची तो कथित पति ने उसे अपनाने से इनकार कर दिया.


शिकायत मिली तो होगी जांच-डीन 
इस संबंध में मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ रमणेश मूर्ति ने बताया कि अस्पताल में नवजातों को अवैध रूप से गोद दिए जाने के संबंध में उन्हें कोई शिकायत नहीं मिली है. यदि शिकायत आई तो विभाग स्तर पर इसकी जांच कराई जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा पुलिस की जांच में पूरा सहयोग किया जाएगा.


स्वास्थ्य कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध
इस मामले में स्वास्थ्य कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है. पुलिस का कहना है कि वार्ड में भर्ती दोनों नवजात को किस आधार पर अज्ञात महिलाओं के हवाले किया गया. पुलिस द्वारा स्वास्थ्य कर्मचारियों से भी पूछताछ करने के साथ रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है. वहीं अस्पताल के समीप एक फोटोकॉपी दुकान का संचालन करने वाले युवक को भी पकड़कर पूछताछ की जा रही है.


जता रही थी भरण पोषण में असमर्थता-सीएसपी
सीएसपी अखिलेश कौशिक ने बताया कि, पीड़ित महिला के साथ अस्पताल के कर्मचारियों से पूछताछ के अलावा रिकॉर्ड भी खंगाला गया है. जांच में यह बात सामने आई है कि बेवा महिला का अस्पताल में प्रसव हुआ तब वह स्वयं दोनों बच्चों का भरण पोषण कर पाने में असमर्थता जता रही थी. ननद के माध्यम से यह जानकारी स्टॉफ नर्स तक पहुंची तो स्टॉफ नर्स ने दो परिचितों को बुला लिया जिसमें एक कोरबा जिले की महिला थी और एक अम्बिकापुर के गंगापुर में रहती थी. दोनों महिलाओं से बेवा की मुलाकात कराई गई थी. 


लेनदेन की पुष्टि नहीं-सीएसपी
सीएसपी ने आगे बताया, नवजातों को अवैध तरीके से गोद लेने के दो दिन पूर्व मां सीतापुर चली गई थी. उसे गोद देने के संबंध में जानकारी थी. जब वह कथित पति के पास पहुंची और उसने अपनाने से इनकार कर दिया तब उसकी ममता पुनः जाग गई और मामला थाने तक पहुंचा. उन्होंने बताया कि दोनों महिलाओं को बुला नवजात प्राप्त करते हुए मां को सौंप दिया गया. अभी तक किसी भी तरह के लेनदेन की पुष्टि नहीं हुई है.


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