Chhattisgarh Politics: जनजातीय अधिकार महासम्मेलन के जरिये छत्तीसगढ़ चुनावी शंखनाद, क्या आदिवासी कार्ड खेल रही बीजेपी?
बीजेपी ने उत्तरी और दक्षिणी छत्तीसगढ़ में आदिवासियों और धर्मांतरण के मुद्दे को जीत का कार्ड बनाना चाहती है. जनजातीय अधिकार महासम्मेलन के रूप में छत्तीसगढ़ बीजेपी ने चुनावी शंखनाद कर दिया है.
Ambikapur News: छत्तीसगढ़ की सत्ता में 15 साल राज करने के बाद पिछले 4 साल से विपक्ष में बैठी भारतीय जनता पार्टी और संगठन अब चुनावी मूड में दिख रहा है. यही वजह है कि जनजातीय अधिकार महासम्मेलन के रूप में छत्तीसगढ़ बीजेपी ने चुनावी वर्ष में चुनावी शंखनाद कर दिया है. इस आयोजन में देश और प्रदेश के तमाम आदिवासी नेता शामिल हुए और जनजातीय मामले में केन्द्र सरकार का गुणगान करते राज्य की कांग्रेस सरकार को जनजातीय मामले में घेरने का प्रयास किया. हालांकि आदिवासी बाहुल्य इलाक़े में हुए इस आयोजन की भीड़ को देखकर अब तरह तरह की चुनावी चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है.
जनजातीय सम्मेलन में शामिल हुए केंद्रीय मंत्री
छत्तीसगढ़ की राजनीति में पिछले चार साल से कांग्रेस की सरकार सत्ता में है, जो अजीत जोगी शासन काल के 15 साल बाद सत्ता में लौटी है, और सत्ता में लौटने के लिए उसने तमाम वादे किए थे. जिनमें कुछ पूरे हुए तो बहुत कुछ भविष्य की गर्त में है और शायद कांग्रेस के अधूरे वादे से आक्सीजन लेकर बीजेपी एक बार फिर राज्य की सत्ता में आने की पुरज़ोर कोशिश में जुट गई है.
ग़ौरतलब है कि बीजेपी के पास मध्य छत्तीसगढ़ में कोई ऐसा बड़ा मुद्दा नहीं है. जिसकी उसके पास बेहतर काट हो, क्योंकि जातिगत समीकरण से लेकर धान और किसान वक्त के मुद्दे कांग्रेस की सत्ता वापसी की कहानी लिख सकते हैं.
ऐसे में बीजेपी ने उत्तरी और दक्षिणी छत्तीसगढ़ में आदिवासियों और धर्मांतरण के मुद्दे को जीत का कार्ड बनाना चाहती है. जिसको लेकर पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत में सरगुजा संभाग में चहलक़दमी की थी, तो अब संघ की रणनीति को अमलीजामा पहनाने के लिए बीजेपी संगठन पूरी ताक़त झोंक रही है जिसको लेकर आज सरगुजा संभाग मुख्यालय अम्बिकापुर में जनजातीय अधिकार महासम्मेलन के रूप में देखने को मिला.
इसमें दो बड़े आदिवासी चेहरा केन्द्रीय मंत्री फग्गन सिंह के साथ केन्द्रीय मंत्री रेणुका सिंह के साथ पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, पूर्व राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम समेत कई दिग्गज आदिवासी नेताओं ने सभा में जनजातीय समाज के लोगों को संबोधित किया.
आदिवासियों के लिए जितना काम हमने किया, इतना जीवन में नहीं हो सकता
केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा जनजातीय समाज का सम्मेलन था. देशभर में आदिवासियों के कल्याण के लिए इतना पीएम मोदी ने काम प्रारंभ किया है. महापुरुषों के सम्मान के लिए, देश के आदिवासियों के लिए जो हमने किया है, शायद इतना कभी जीवन में नहीं हो सकता, ये मैं आज कहकर जा रहा हूं. छत्तीसगढ़ के लोगों से कहा है कि सब पुराने इन सभी कार्यों को देखिए और इसको लेकर आगे बढ़ें.
सरगुजा का जितना अपमान हुआ उतना कहीं का नहीं
पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह ने कहा कि जनजातीय अधिकार महारैली में ऐतिहासिक लोग उपस्थित हुए. इतनी बड़ी संख्या में सरगुजा में पहली बार, 4 साल बाद इतनी बड़ी रैली निकली है. जितना उत्साह, ढोल बाजे के साथ आए है. एक अनुसूचित जनजाति के मात्रात्मक त्रुटि की वजह से जो संशोधन हुआ है, और जो लाभ मिला है, उसकी प्रशंसा भी है. दूसरा भूपेश बघेल के शोषण के खिलाफ नाराजगी का भाव भी है, और इस नाराजगी को व्यक्त करने के लिए यहां तक पहुंचे है. हम प्रदेश में अच्छी स्थिति में है.
उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली बार झूठे वादे कर भूपेश बघेल सरकार में आये अब वे बेनकाब हो गये हैं. सभी डेवलपमेंट के काम रुक गए हैं. सरगुजा का जितना अपमान हुआ है, उतना कहीं का नहीं हुआ है. वहीं प्रदेश में लगातार ईडी के छापे को लेकर कहा कि ईडी जांच कर रही है, कोयला घोटालों की अब सारे सच सामने आ गए हैं. जिसमें 300 करोड़ के एविडेंस मिल गए हैं. इससे ज्यादा और क्या चाहिए इस सरकार को.
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