Ambikapur News: छत्तीसगढ़ का अम्बिकापुर शहर लम्बे समय से भीषण जल संकट से जूझ रहा है. जल संकट से राहत के लिए नगर निगम अम्बिकापुर के पास कोई वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं है. तीन-चार दिन के भीतर अच्छी वर्षा नहीं हुई, तो लोगों को बरसात में भी बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ सकता है. नगर निगम के पास जल संकट के निराकरण के लिए कोई दूसरा विकल्प भी नहीं है. ऐसे में पेयजल संकट को लेकर शहर में कभी भी हाहाकार मच सकता है.
अम्बिकापुर शहर में दशकों से बांकी बांध से तकिया फिल्टर प्लांट के माध्यम से पानी की आपूर्ति की जाती है. अमृत मिशन कार्य पूर्ण होने के बाद बाहरी इलाकों में घुनघुट्टा बांध के पानी की आपूर्ति की जा रही है, जबकि पूर्व में बनी टंकियों के माध्यम से बांकी जलाशय से पानी आपूर्ति होती है. एक साथ कई तकनीकी समस्याएं पैदा होने के कारण इस बार गर्मी का मौसम शुरू होने के पूर्व से आवश्यकता से काफी कम पानी की आपूर्ति की जा रही है. पानी की किल्लत होने के पीछे सबसे बड़ा कारण बांकी बांध के सूखने की कगार पर पहुंचने को बताया जा रहा है. पिछले साल कम वर्षा होने के कारण बांकी जलाशय में क्षमता का 35 फीसदी ही पानी भर पाया था. बांध में कम पानी भरने के कारण अप्रैल महीने से ही आधे पानी की आपूर्ति हो रही है.
इस कारण समस्या हुई निर्मित
सामान्य वर्षा होने की स्थिति में भी बांकी बांध में बमुश्किल 50-60 फीसदी पानी भरता है. मई महीने में ही बांध सूखने की कगार पर पहुंच गया था, लेकिन जैसे-तैसे ढाई महीने का समय निकल गया. लम्बे समय से बारिश नहीं होने के कारण बांध फिर से सूखने की कगार पर पहुंच गया है. शुक्रवार (21 जुलाई) को आधे शहर की 16 टंकियों में चौथाई से भी कम पानी भरा जिसके कारण अधिकांश घरों में पानी नहीं पहुंचा. काफी देर तक इंतजार करने के बाद लोग भाग-दौड़ करने लगे तो जानकारी मिली फिल्टर प्लांट से कम पानी की आपूर्ति हुई है. जिस कारण इस तरह की समस्या निर्मित हुई है.
अच्छी बारिश नहीं हुई तो मच सकता है हाहाकार
पानी की आपूर्ति कम होने के पीछे कई दूसरे कारण भी हैं. जिनका निकट भविष्य में निराकरण होने की संभावना नहीं है. बांध में पर्याप्त पानी उपलब्ध होने पर काम चलने लायक पानी मिल जाता है. कभी जल संकट की स्थिति निर्मित होने पर लोग अपनी भड़ास निकाल कर शांत हो जाते हैं. वर्तमान में बांकी बांध का पानी सतह पर पहुंच गया है. ऐसे में जल्द अच्छी बारिश नहीं हुई, तो कभी भी अम्बिकापुर शहर के बड़े इलाके में पेयजल के लिए हाहाकार मच सकता है.
लगातार रिस रहा पानी
आधे अम्बिकापुर शहर में कम पानी की आपूर्ति होने के पीछे लाखों लीटर पानी का बेकार बह जाना भी है. तकिया फिल्टर प्लांट के पास पीएचई द्वारा वर्ष 2004-05 में निर्मित एनीकट का गेट पिछले 5-6 सालों से खराब है. जिसके कारण गेट से लाखो लीटर पानी रोज बेकार बह जा रहा है. एनीकट में सिल्ट भरने के कारण क्षमता से आधे पानी का भराव हो रहा है. बांकी बांध से फिल्टर प्लांट तक पानी पहुंचाने के लिए वर्षों पूर्व बनी ग्रेविटी पाइप लाइन भी जगह-जगह धसक गई है. जिसके कारण लगातार पानी का रिसाव हो रहा है. समस्या बढ़ने पर नगर निगम मरम्मत कर काम चलाता है. पाइप लाइन की मरम्मत होने के बाद भी लिकेज की समस्या से राहत नहीं मिली है. बांकी बांध का गेट भी लम्बे समय से खराब है, जिससे पानी का रिसाव हो रहा है. नगर निगम के जनप्रतिनिधियों का कहना है कि वे कलेक्टर से लेकर शासन स्तर के अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को कई बार इस बड़ी समस्या से अवगत करा चुके है, लेकिन इसके निराकरण की कोई पहल अब तक नहीं हो सकी है.
इस वार्ड में समस्या
अम्बिकापुर शहर के मायापुर, केदारपुर, मणिपुर, नमनाकला, नवागढ़, महामाया पारा, गांधीनगर, पटपरिया, केना बांध, घुटरापारा आदि में विभिन्न 16 टंकियों के माध्यम से पानी की सप्लाई जाती है. इन इलाकों में सामान्य दिनों में 170 लाख लीटर पानी की आपूर्ति की जाती है, लेकिन लम्बे समय से मात्र 7 लाख 800 लीटर पानी की आपूर्ति की जा रही है. बांकी बांध के सूखने की कगार पर पहुंचने के कारण पानी आपूर्ति और अधिक कम हो गई है.
नगर निगम कल से सुबह ही करेगा पानी सप्लाई
अल्प वर्षा के चलते बांकी बांध में क्षमता के अनुरूप जलभराव नहीं होने और पानी की कमी होने के चलते निगम प्रशासन के द्वारा कल 23 जुलाई से अम्बिकापुर शहर में केवल एक पाली में प्रातः काल ही पानी सप्लाई करने का निर्णय लिया गया है. इस संबंध में जानकारी देते हुए आयुक्त प्रतिष्ठा ममगाई ने बताया कि बांकी जलाशय में काफी कम पानी होने के चलते शहर में दोनों पालियों में पानी दे पाना संभव नहीं हो पा रहा है. जिसके चलते बांकी जलाशय में पर्याप्त जल भराव होने तक एक पाली में ही पानी की सप्लाई की जाएगी.
चिंतित नजर आ रहे हैं नागरिक
गौरतलब है कि गर्मी के मौसम से भी बांकी जलाशय में पानी की कमी होने के चलते पानी सप्लाई प्रभावित हो रही थी और अधिकांश इलाकों में महज 15 से 20 मिनट ही पानी की आपूर्ति हो रही थी, जिससे लोग पहले से ही पानी के लिए परेशान थे. बारिश के मौसम में सावन का महीना शुरू होने के बावजूद कम वर्षा की वजह से अभी तक बांकी जलाशय में काफी कम पानी का भराव हो पाया है. बांकी जलाशय की सूखे की स्थिति को देखते हुए न सिर्फ नगर निगम के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों, बल्कि नागरिक भी अब चिंतित नजर आ रहे हैं.
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