Elephants Rampage In Ambikapur: अम्बिकापुर (Ambikapur) शहर से लगे ग्राम कंचनपुर में पहुंचे एक जंगली हाथी ने 60 वर्षीया लोलो टेकाम निवासी ग्राम कुंदीकला राजपुर को सूंड से उठा के पटककर मार डाला. शहर के नजदीक जंगली हाथी के पहुंचने से सरहदी इलाके के लोगों में दहशत बना रहा. घटना के संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक वृद्धा लोलो टेकाम दिमागी रूप से बीमार थी. 23 अगस्त को वो परिजनों को बेटी के घर गांव घंघरी गांधीनगर जाने की जानकारी देकर घर से निकली थी. 


शहर से लगे गांव कंचनपुर बस्ती के समीप एक जंगली हाथी करीब 7-8 बजे से ही विचरण कर रहा था. उसके चिंघाड़ने की आवाज सून ग्रामीणों को बस्ती के समीप हाथी के आने का पता चला और वो सभी घरों से बाहर निकल आए. हाथी धान के खेत में विचरण कर रहा था. ग्रामीणों की भीड़ करीब 500 मीटर की दूरी पर डटी हुई थी. इसी बीच वृद्धा लोलो टेकाम दूसरी ओर से पगडंडी के रास्ते होते हाथी के नजदीक जाने लगीं. उसे ऐसा करता देख ग्रामीणों ने शोर मचा रोकने का प्रयास किया, मगर वृद्धा सबको अनसुना करके आगे बढ़ती रही. 


डॉक्टरों ने किया मृत घोषित
नजदीक आने पर हाथी ने उसे सूंड में लपेट उठा लिया और जमीन पर पटक दिया. वृद्धा को पटकने के बाद हाथी काफी देर तक शव के पास ही विचरण करता रहा. किसी प्रकार ग्रामीणों ने शोर मचा हाथी को गांव से लगे जंगल की ओर खदेड़ने में सफलता पाई. हाथी के जाने के बाद ग्रामीण पहुंचे और वृद्धा को अचेतावस्था में उठा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ले गए, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. वन विभाग के द्वारा मृतिका के परिजनों को तत्कालिक सहायता राशि के रूप में 25 हजार रूपये प्रदान किए.


लुंड्रा की ओर से पहुंचा था हाथी
बताया जा रहा है कि यह हाथी लुंड्रा की ओर से होते हुए कंचनपुर की ओर आया, मगर वन विभाग के मैदानी अमले को इसकी भनक तक नहीं लग पाई. बस्ती में वृद्धा को मौत के घाट उतारने के बाद वन विभाग का अमला मौके पर पहुंचा. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि वन विभाग के द्वारा हाथियों की निगरानी और ग्रामीणों को सतर्क करने के प्रति लापरवाही बरती जा रही है. यदि वनकर्मी सतर्क रहते तो वृद्धा को हाथी के नजदीक जाने से रोका जा सकता था. वृद्धा को मौत के घाट उतारने के बाद हाथी राजपुर के गांव अखोरा की ओर चला गया.


12 जंगली हाथियों का उत्पात
इधर लखनपुर वनपरिक्षेत्र के ग्राम घटौन और पटकुरा में विचरण कर रहे 12 सदस्यीय जंगली हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया. रात भर हाथियों का दल बस्ती से लगे धान के फसल को कुचल और निवाला बना तबाह करता रहा. हाथियों की मौजूदगी के कारण ग्रामीणों में भयमिश्रित कौतुहल का वातावरण बना रहा. वन विभाग के मुताबिक ग्रामीण रनसाय उरांव, उमाशंकर, मोहर मझवार, तेजू यादव, तेज राम उरांव, केंदा मझवार और ननका यादव के धान की फसल को हाथियों द्वारा नुकसान पहुंचाया गया. 


ग्रामीणों के मुताबिक हाथियों के चलने से उनके पैर से फसल दब गए हैं. हाथियों के चलने के कारण खेतों में जगह-जगह गड्ढा भी हो गया है. बताया जा रहा है कि 12 हाथियों के दल से दो हाथी अलग हो विचरण कर रहे हैं, जबकि शेष 10 हाथी एक साथ हैं. वन विभाग का मैदानी अमला हाथियों की निगरानी कर रहा है और जनहानि रोकने के लिए ग्रामीणों को सतर्क भी किया जा रहा है. इधर हाथियों के भय से ग्रामीण रतजगा करने के लिए भी मजबूर हो रहे हैं.


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