Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के सरगुजा में टोनही प्रताड़ना के आरोपी को नोटिस देने गए थाना प्रभारी समेत दो आरक्षकों पर जानलेवा हमला करने की कोशिश की गई है. आरोपी और उसके दो पुत्रों ने थाना प्रभारी को डंडा और टांगी लेकर मारने के लिए दौड़ाया. इस दौरान शोर-शराबा सुनकर मौके पर आसपास के लोग इकट्ठे हो गए. जिसके बाद आरोपी मौके से फरार हो गए. हालांकि थाना प्रभारी को मारने के लिए दौड़ाने से पहले आरोपियों ने साथ में गए एक आरक्षक के सिर पर बॉक्साइट पत्थर से हमला कर दिया था.
जिससे वह लहूलुहान होकर वहीं गिर पड़ा. इसके बाद दूसरे आरक्षक पर भी हमला करने की कोशिश की लेकिन गांव वालों की मदद से उसने किसी तरह खुद को बचा लिया. मामला कमलेश्वरपुर थाना क्षेत्र का है.
चालान पेश करने के लिए गए थे लुरैना गांव में
दरअसल, कमलेश्वरपुर थाना प्रभारी शिशिरकांत सिंह आरक्षक विजय प्रताप सिंह और देवदत्त सिंह के साथ बुधवार की सुबह 9 बजे टोनही प्रताड़ना अधिनियम की धारा 5 के आरोपी ज्ञानी यादव को चालान पेश करने के लिए ग्राम लुरैना गए हुए थे. जहां नोटिस देने के लिए ज्ञानी यादव को बुलाया गया तो उसके साथ में उसके बेटे नारायण यादव और नारद यादव बाहर निकले. जब उन्हें चालान के लिए नोटिस लेने और न्यायालय में पेश होने के लिए कहा गया तो ज्ञानी यादव और उसके बेटे नारायण यादव और नारद यादव, थाना प्रभारी के साथ गाली-गलौज करने लगे.
आरक्षक के सिर पर मारा पत्थर
इस दौरान आरोपियों ने थाना प्रभारी से ये कहा कि "हम कोर्ट नहीं जायेंगे, कोर्ट को यहीं बुलाओ, यहीं फैसला होगा. तुम लोग का भी आज यहीं फैसला कर खेल खत्म कर देता हूं." ऐसा कहते हुए ज्ञानी यादव सड़क के दूसरी ओर रखे बॉक्साइट पत्थर के ढेर की ओर दौड़ा और पत्थर उठाकर मारने की कोशिश किया. ये सब देखकर थाना प्रभारी के साथ आए आरक्षक विजय प्रताप सिंह उस रोकने के लिए गया. तो ज्ञानी यादव का बेटा नारायण यादव दौड़ते हुए गया और बॉक्साइट पत्थर के ढेर से दूसरा ढेर उठा लिया और दोनों हाथ से पत्थर उठाकर आरक्षक विजय प्रताप सिंह के सिर में मार दिया. जिससे वह वहीं लहूलुहान होकर गिर पड़ा.
तीनों आरोपियों को भेजा गया है न्यायिक हिरासत में
इसके बाद तब नारायण यादव और नारद यादव डंडा लेकर और उसका पिता ज्ञानी यादव टांगी लेकर थाना प्रभारी को मारने के लिए दौड़े. तब थाना प्रभारी चिल्लाते हुए भागे की कोई कार्रवाई नहीं करेंगे. तब तक आसपास के लोग भी इकट्ठे हो गए. तब पिता-पुत्र तीनों मौके से भाग गए. थाना प्रभारी शिशिरकांत सिंह और आरक्षक देवदत्त सिंह ने घायल आरक्षक विजय प्रताप सिंह को उठाकर गाड़ी में बैठाया और सीधे स्वास्थ्य केंद्र कमलेश्वरपुर लेकर गए. जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद गंभीर हालत को देखते हुए एडमिट कर लिया. इसके पश्चात कमलेश्वरपुर थाना में तीनों आरोपी ज्ञानी यादव, नारायण यादव और नारद यादव के खिलाफ धारा 186, 294, 307, 333, 34, 353, 506 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है.
क्या कहा एएसपी ने?
एएसपी विवेक शुक्ला ने बताया कि एक मामले में चालान होना था. इसलिए न्यायालय में पेश होने के लिए पुलिस नोटिस देने गई थी. तो आरोपी पुलिस वालों से ये कहकर उलझने लगा कि मैं क्यों पेश होऊं. उसे समझा रहे थे कि उसका बेटा पीछे से आरक्षक के सिर पर पत्थर से वार कर दिया. इस मामले में आरोपी पिता समेत उसके दो पुत्रों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.
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