(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Chhattisgarh: अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल को मिली 75 लाख की ब्लड कम्पोनेंट मशीन, जानें क्या है इसमें खास
Ambikapur Medical College: अम्बिकापुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में गरीब मरीजों को शीघ्र ही ब्लड कम्पोनेंट की सुविधा मिलेगी. इस उपकरण से एक यूनिट रक्त से चार मरीजों की जान बचाई जा सकेगी.
Ambikapur News: सरगुजा संभाग मुख्यालय अम्बिकापुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में गरीब मरीजों को शीघ्र ही ब्लड कम्पोनेंट की सुविधा मिलेगी. इस उपकरण से एक यूनिट रक्त से चार मरीजों की जान बचाई जा सकेगी. प्रदेश के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव की पहल पर छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कारपोरेशन के माध्यम से 75 लाख रुपए की लागत से इस मशीन की खरीदी करने के साथ ही आज जिला अस्पताल में पहुंच गया. अस्पताल में पुराने ब्लड बैंक परिसर में इसे इंस्टॉल करने की तैयारी की जा रही है. मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. रमनेश मूर्ति ने कहा कि ब्लड बैंक परिसर में चार अतिरिक्त कमरे है. जहां ब्लड कम्पोनेंट मशीन के 14 उपकरणों की स्थापना की जाएगी. इसे सरगुजा अंचल के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है.
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि किसी भी जरूरतमंद मरीज को रक्त चढ़ाने की स्थिति में प्लेटलेट, पीआरबीसी, एफएफपी अथवा डब्लूबीसी की आवश्यकता पड़ती है. रक्त में यह चारों तत्व मौजूद होते है. मगर यह सभी तत्व किसी भी मरीज को एक साथ चढ़ाने की आवश्यकता नहीं होती है. इन तत्वों को बगैर अलग किए रक्त चढ़ाने से मरीज को गैर जरूरी तत्व भी चढ़ जाता है, ऐसी स्थिति में गैर जरूरी तत्व मरीज के लिए काफी नुकसानदायक होते है. यदि किसी मरीज को प्लेटलेट की जरूरत है तो उसे प्लेटलेट ही चढ़ाया जाना चाहिए न कि पूरा ब्लड, मगर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रक्त से इन तत्वों को अलग करने की सुविधा नहीं होने के चलते मरीजों को या तो पूरा रक्त चढ़ जाता था अथवा निजी ब्लड बैंक से प्लेटलेट्स, पीआरबीसी सहित अन्य तत्व लाने की सलाह दी जाती थी. ऐसे स्थिति में गरीब मरीजों को आर्थिक परेशानियों का भी सामना करना पड़ता था. एक यूनिट रक्त से इन तत्वों को अलग करने के एवज में भारी-भरकम शुल्क भी वसूली जाती थी. मगर अब मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ही इसकी सुविधा मिल जाने से गरीब मरीजों को आयुष्मान कार्ड से निःशुल्क प्लेटलेट अथवा अन्य तत्व रक्त से अलग करने की सुविधा मिलेगी.
मरीजों को मिलेगा यह फायदा
डॉक्टरों का कहना है कि अत्यधिक रक्तस्राव होने, प्रसव, ऑपरेशन के दौरान अथवा डेंगू से भी प्लेटलेट कम हो जाता है, ऐसी स्थिति में मरीजों को प्लेटलेट की आवश्यकता पड़ती है. एक यूनिट रक्त से इन तत्वों को अलग करने की सुविधा नहीं होने पर मरीजों को पूरा रक्त चढ़ना पड़ता था. जिससे गैर जरूरी तत्व भी मरीजों को चढ़ जाता था. ब्लड कम्पोनेंट मशीन से मरीज को प्लेटलेट उपलब्ध हो जाएगा. इसी प्रकार किडनी, हृदय रोगी मरीजों के लिए पीआरबीसी की जरूरत पड़ती हैं. इन मरीजों को ब्लड से गैर जरूरी तत्व अलग किए बगैर यदि चढ़ाया जाए तो यह नुकसानदायक भी हो सकता है. इसी प्रकार सिकलसेल मरीजों को एफएफपी और संक्रमण, डेंगू, मलेरिया, एनिमिया मरीजों को डब्लूबीसी टोटल यूको साईट काउंट की जरूरत पड़ती है. इस उपकरण से मरीजों को आवश्यकता वाले तत्व मिल जाएंगे.
सीतापुर और उदयपुर में भी बन रहा ब्लड बैंक
मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. आरएन गुप्ता ने ब्लड कम्पोनेंट मशीन को अंचल के गरीब मरीजों के लिए वरदान बताया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव की पहल पर सरगुजा वासियों को यह सौगात मिली हैं. उन्होंने बताया कि उदयपुर और सीतापुर में भी सीजीएमएससी के माध्यम से ब्लड बैंक के लिए भवन का निर्माण चल रहा है. भवन बनने के बाद इन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में ब्लड बैंक की सुविधा मिलने से मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ब्लड डोनेट करने के लिए मरीजों को दबाव कम होगा और मरीजों को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों को रक्त की सुविधा मिल जाएगी.
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