Ambikapur News: सरगुजा संभाग के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दवा वितरण के लिए काउंटर और कर्मचारियों की कमी होने के कारण मरीजों और उनके परिजनों को दवा के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है. सबसे पहले ओपीडी में कतार लगती है, इसके बाद दवा के लिए. अस्पताल प्रबंधन की अनदेखी के चलते सीजीएमएससी के माध्यम से बन रहा नया दवा काउंटर कई माह गुजर जाने के बाद भी पूर्ण नहीं हो सका है. चार दवा काउंटर का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें से दो काउंटर बनने के बाद दवा वितरण शुरू किया गया है जबकि शेष दो काउंटर में अभी तक प्लेटफार्म नहीं बन पाने के कारण लोगों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है. 


मरीजों और परिजनों ने कहा कि दवा के लिए उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. कई बार डेढ़ से दो घंटे इंतजार करने के बाद दवा मिल पाती है.


जेनरिक के बजाय अभी भी लिख रहे ब्रांडेड दवाइयां
इधर ओपीडी में डॉक्टरों के द्वारा मरीजों को जेनरिक के बजाय अधिकांश दवाईयां ब्रांडेड लिख रहे हैं, जिसके कारण सरगुजा के गरीब मरीजों को आर्थिक परेशानियों का भी सामना करना पड़ रहा है. ओपीडी में डॉक्टर के द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण करने के बाद पर्ची में जब चार या पांच प्रकार की दवाईयां लिखी जाती है तो अस्पताल के दवा काउंटर में उनमें से केवल दो या तीन दवाईयां मिलती हैं.


इसके चलते शेष दो से तीन दवाइयां मरीजों को महंगे दर पर निजी दुकानों से खरीदनी पड़ती है. नागरिकों का आरोप है कि कमीशनखोरी के चलते डॉक्टर शासन के निर्देशों की भी परवाह नहीं कर रहे हैं, जिसका खामियाजा गरीब मरीज भुगत रहे हैं.


शीघ्र चार दवा काउंटर होंगे बहाल
इस संबंध में अस्पताल अधीक्षक डॉ. आरसी आर्या ने कहा कि चार में से दो दवा काउंटर पूर्ण हो चुके हैं, शेष दो काउंटर में प्लेटफार्म का कार्य चल रहा है. कार्य पूर्ण होने के बाद सभी दवा काउंटर बहाल कर दिए जाएंगे. उन्होंने बताया कि डॉक्टरों को पर्ची में जेनरिक दवा के लिखने का निर्देश दिया गया है. अस्पताल में उपलब्ध होने के बावजूद यदि बाहरी दवाईयां लिखी जा रही है तो ऐसे डॉक्टरों पर कार्रवाई भी होगी.


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