Ambikapur Medical College News: क्या कभी आपने मेडिकल कॉलेज के डीन, अधीक्षक और डॉक्टरों को झाड़ू पोछा करते और कचरा उठाते हुए देखा है? अंबिकापुर में नया अभियान शुरू किया गया है. अभियान के तहत प्रबंधन से जुड़े लोग अस्पताल में झाडू पोछा करते और कचरा उठाते नजर आ जाएंगे. 10 लाख की आबादी वाले शहरों की स्वच्छता रैंकिंग सूची में अंबिकापुर देश का दूसरा स्वच्छ शहर है. लेकिन मेडिकल कॉलेज की पहचान हमेशा गंदगी के लिए रही है. इसलिए गंदगी का कलंक मिटाने के लिए बड़े से बड़ा स्वास्थ्य अधिकारी झाडू पोछा लगाता दिख जाएगा. स्वच्छता के नए फार्मूले में शपथ, श्रमदान और प्रतियोगिता का थ्री लेयर शामिल किया गया है. नए फार्मूले के तहत अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल को साफ सुथरा करने की कवायद शुरू हो चुकी है.
सरकारी अस्पताल प्रबंधन से जुड़े लोगों की अनोखी पहल
आज शासकीय मेडिकल कॉलेज के डीन डॉक्टर आर के मूर्ति, अधीक्षक लखन सिंह, अस्पताल सलाहकार प्रियंका कुरील, डायटीशियन सुमन सिंह, सहायक नर्सिंग अधीक्षिका द्रोपति राज, प्रिया फरीडा झाड़ू पोछा करते नजर आए. उन्होंने अस्पताल के सफाई कर्मियों संग कैंपस के मुख्य द्वार से सटे कचरे को झाडू से उठाकर डस्टबीन में डाला. सफाई अभियान की खास बात थी कि दिखावा ना करके अधिकारियों ने वास्तव में अस्पताल कैंपस में झाड़ू उठाया. सुबह 7 बजे से करीब 9 बजे तक सफाई अभियान चलाया गया. कैंपस में झाडू लगाने के बाद अधिकारियों कर्मचारियों का दल अस्पताल के आपातकालीन कक्ष में पहुंचा. आपातकालीन कक्ष में सबसे ज्याजा मरीजों की आवाजाही होती है.
आवाजाही के कारण वार्ड में गंदगी की स्थिति बनी रहती है. आपातकालीन कक्ष में पहुंचकर डीन, अधीक्षक, अस्पताल सलाहकार के साथ डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ ने ना केवल कोने कोने में झाडू लगाया बल्कि करीब 1 घंटे तक बड़े भवन के कमरों और हाल में पोछा लगाकर उपकरणों को भी साफ किया. गंदगी के लिए बदनाम अंबिकापुर का मेडिकल कॉलेज अस्पताल अब अधिकारियों की गंभीरता की वजह से धीरे धीरे साफ होने लगा है. अधिकारी खुद सफाई के प्रति गंभीर होंगे तो फिर तय है अस्पताल के सफाई कर्मचारी काम में ज्यादा समर्पित होंगे.
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सफाई में आदर्श बन सकता है सरकारी मेडिकल कॉलेज
अस्पताल आने वाले मरीजों के परिजन भी जागरूक बनेंगे और गंदगी करने के बजाय प्रबंधन का सहयोग करेंगे. गौरतलब है कि अस्पताल प्रबंधन ने कुछ दिनों पहले सफाई का एक फार्मूला तैयार किया था. फार्मूले के तहत अस्पताल के सफाई कर्मचारियों समेत अधिकारियों ने अस्पताल को साफ रखने की शपथ ली थी. अब हर महीने वार्डों के बीच सफाई और सुविधाओं का मुकाबला होगा. आनेवाले समय में आदिवासी इलाके के 6 जिलों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करानेवाला एकमात्र सरकारी मेडिकल अस्पताल फार्मूले के लिए आदर्श भी बन सकता है.