Mohan Bhagwat in Ambikapur: छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग में दूसरी बार राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (RSS) का कोई सर संघचालक का दौरा हुआ. सामाजिक रूप से अपने फायदे और राजनैतिक रूप से बीजेपी के फायदे के लिए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) का ये दौरा राजनैतिक गलियारों में गहन चर्चा का विषय बना है. दरअसल छत्तीसगढ़ के मैदानी क्षेत्र में कांग्रेस को काट नहीं पा रही बीजेपी को राजनैतिक रूप से और आरएसएस को सामाजिक रूप से भागवत के इस दौरे का फायदा मिलने की संभावना व्यक्त की जा रही है. आरएसएस प्रमुख भागवत के आगमन पर 16 नवंबर को संभाग के सभी जिलों के करीब 20 हजार स्वंय सेवकों ने संभाग मुख्यालय अंबिकापुर में पथ संचलन किया. इसके बाद उनकी सभा में स्वंयसेवकों को मिलाकर करीब 25 हजार लोगों ने शिरकत की.
भागवत के साथ समाज प्रमुखों की मौजूदगी
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के आगमन पर स्वंयसेवकों के पथ संचलन का समापन अंबिकापुर शहर के सबसे बड़े पीजी कॉलेज मैदान में हुआ. वहीं पर मोहन भागवत की सभा आयोजित थी. इस दौरान मंच पर छत्तीसगढ़ राज्य के आरएसएस के चार बड़े पदाधिकारी समेत आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत मौजूद थे. इसके साथ ही मंच के दाएं और बाएं ओर विभिन्न समाजों के प्रमुखों के साथ दूसरी ओर साधू संत मौजूद रहे जिनसे भागवत ने औपचारिक मुलाकात की.
आरएसएस प्रमुख भागवत मुख्य मंच के सामने शहर में दो घंटे तक पथ संचलन करके पहुंचे, इस दौरान तकरीबन 10 से 12 हजार स्वंयसेवक मौजूद रहे. उसके बगल में प्रदेश बीजेपी के बड़े-बड़े नेता टेंट हाउस की साधारण कुर्सी पर बैठे नजर आए. इनमें केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह, छत्तीसगढ़ के नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल समेत तमाम नेता शामिल थे. स्वंय सेवकों समेत करीब 25 हजार लोगों को संबोधित करते हुए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कई बड़ी बातें कही.
आरएसएस कोई कब्बडी क्लब नहीं
आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने अपनी सामाजिक सभा में कई अहम बातें कही. उन्होंने आरएसएस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाने वाले लोगों पर कटाक्ष करते हुए इशारों में कहा कि संघ अगर किसी को समझ ना आए तो किसी और संगठन से तुलना करने से काम नहीं चलता. ऐसे मे गलतफहमी रहने की ज्यादा संभावना रहती है. आगे भागवत ने कहा कि आप ने देखा कि इतने ज्यादा स्वंयसेवक हमारे गणवेश में चलकर आए हमारे यहां पथ संचलन होता है उनके पास दंड है तो लाठी काटी वगैरह सीखते हैं. इससे लोगों को लगता है कि संघ पैरामिलिट्री संगठन है, जबकि ऐसा नहीं है, संघ में परेड होती है. संघ में अखाड़ों में चलने वाले व्यायाम की कला शस्त्र विद्या लोग सीखते हैं.
संघ प्रमुख ने कहा कि आप सब ने अभी सभा में गीत सुना, संघ में सामूहिक और व्यक्तिगत गीत होता है. हमारे प्रत्येक कार्यक्रम में गीत होता है लेकिन फिर भी संघ कोई अखिल भारतीय संगीत शाला नहीं हैं. अखिल भारतीय व्यायाम शाला भी नहीं है, संघ में कब्बडी भी होती है. कब्बडी काफी लोकप्रिय है लेकिन संघ कोई कब्बडी क्लब नहीं है. आगे अपने उद्बोधन में भागवत ने कहा कि संघ के स्वंय सेवक आज कितने काम कर रहे हैं. राजनीति से लेकर कला क्रीड़ा के क्षेत्रों तक हर काम में स्वंय सेवक सक्रिय हैं. उन्होंने कहा कि वे लोग पहले से जो संगठन चलाते थे, उसमे सक्रिय हुए अथवा अपना संगठन बनाया. ऐसा उन्होंने किया है लेकिन संघ इसमें से किसी क्षेत्र में संघ के नाते नहीं जुड़ा.
किसी की पूजा बदलने का प्रयास मत करो
छत्तीसगढ़ का सरगुजा संभाग आदिवासी बाहुल्य इलाका है. सभा में आदिवासी बाहुल्य सरगुजा संभाग के लोग शामिल थे. इस दौरान सभा को संबोधित करते हुए भागवत मे कहा कि प्राचीन काल से जंगलों और खेतों में रहने वाले हमारे पूर्वज ऋषि मुन्नियों के वंशज हैं, हम सब के पूर्वज समान हैं. विज्ञान कहता है कि 40 हजार साल पहले जो अखण्ड भारत था. काबुल के पश्चिम से छिन्दविन नदी के पूर्व तक और तिब्बत की ढलान से श्रीलंका के दक्षिण तक, जो मानव समूह आज है, वो सब का 40 हजार पहले से समान डीएनए है. मतलब तबसे हमारे पूर्वज समान हैं.
संघ प्रमुख ने कहा कि हमको उन पूर्वजों ने यही सिखाया कि अपनी-अपनी पूजा है उसमें बढ़ते रहो, अपनी-अपनी भाषा है उसमें बोलो उसका विकास करो. अपना-अपना खान-पान रीति रिवाज है. हम लोग जहां रहते हैं वहां का भूगोल भी है. उचित खान पान है उसपे भी पक्के रहो, अपनी-अपनी अकंक्षाओ पूरा करो लेकिन सबकी पूजा का आदर करो. सबकी पूजा उतनी ही सत्य है जितनी मेरी सत्य है. ऐसा स्वीकार करो किसी की पूजा को बदलने का प्रयास मत करो.
दरअसल, छत्तीसगढ़ के आदिवासी इलाकों में हो रहे धर्मांतरण को लेकर भागवत के इस कथन के कई मायने हैं. वैसे भी इन दिनों डिलिस्टिंग अभियान के तहत आज सरगुजा इलाके में ईसाई धर्म को अपना चुके हिंदू आदिवासी और हिंदू धर्म को मानने वाले आदिवासी समाज के बीच सामाजिक घरेलू तनाव फैल चुका है.
Ambikapur: जशपुर के बाद आज अम्बिकापुर पहुंचे आरएसएस चीफ मोहन भागवत, इन कार्यक्रमों में लेंगे हिस्सा