Ambikapur News: छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर शहर के अंतरराज्यीय बस अड्डा प्रतीक्षा बस स्टैंड के सामने गौरवपथ में और रिंग रोड की ओर लगे अवैध ठेलों गुमटियों को अम्बिकापुर नगर निगम द्वारा हटाने की कार्रवाई तो की जा रही है. मगर बस स्टैंड परिसर में ही अवैध रूप से स्थापित 40 से अधिक अवैध गुमटियों को छोड़ दिया गया है. नगर निगम अमले की यह कार्यशैली देख लोगों ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं. 


ट्रांसपोर्टर आलोक त्रिपाठी ने नगर निगम से सूचना के अधिकार के तहत मिले जानकारी का हवाला देते हुए कहा कि आज से करीब 11 वर्ष पूर्व 16 नवंबर 2012 को नगर निगम द्वारा प्रतीक्षा बस स्टैंड में 38 फल दुकानों को व्यवस्थापन के तहत लाटरी पद्धति से गुमटियों का आबंटन किया गया था. मौजूदा समय में इन अधिकृत गुमटियों के अलावा अवैध गुमटियों की बस स्टैंड में बाढ आ गई है. 80 से अधिक गुमटियां संचालित हो रही है. बस स्टैंड के प्रवेश मार्ग, टर्मिनल भवन के सामने भी अवैध रूप से स्थाई गुमटियां स्थापित कर दी गई है.


जिसके कारण बस स्टैंड का प्रवेश मार्ग न सिर्फ प्रभावित हो रहा है बल्कि दुर्घटना की संभावना भी बनी रहती है. इस संबंध में बस स्टैंड के वैध गुमटी स्वामियों, बस कर्मचारियों के द्वारा कई बार निगम के अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा गया है, मगर इस ओर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. बल्कि कतिपय जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की शह पर बस स्टैंड के परिसर में हर महीने तीन-चार नई गुमटियां स्थापित हो जाती है.


इसलिए जिम्मेदार नहीं देते ध्यान
प्रतीक्षा बस स्टैंड के वैध गुमटी स्वामियों, बस कर्मचारियों का आरोप है कि बस स्टैंड परिसर में लगे अधिकांश अवैध गुमटियां निगम के जनप्रतिनिधियों और कर्मचारियों के चेहते, परिवार के सदस्यों के हैं. यही कारण है कि बार-बार शिकायतों के बावजूद नगर निगम का बुलडोजर इन अतिक्रमणों पर नहीं चलता. इन लोगों का कहना है कि जिम्मेदारों द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने के कारण अवसर देख नये नये गुमटी वाले बस स्टैंड में पहुंच रहे है और जहां मर्जी वहां स्थापित कर कब्जा रह रहे हैं. लोगों ने जिला प्रशासन से इस मामले में अविलंब कार्रवाई की मांग की गई है.


गौरवपथ बन रहा अब अघोषित मछली, मुर्गा बाजार
अम्बिकापुर शहर के गौरवपथ में लगे गुमटियों को तो नगर निगम के उड़नदस्ता दल के द्वारा हटा दूसरी जगह शिफ्ट किया जा रहा है, मगर गौरवपथ के किनारे अवैध रूप से खुल रहे नये मुर्गा और मछली बाजार की ओर जिम्मेदार आंखे मुंदे हुए है. निगम द्वारा मैरिन ड्राइव बाजार को मटन मार्केट घोषित किया गया है. इस बाजार के अलावा कहीं और मांस, मछली की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है, मगर निगम के अधिकारी इस ओर कभी ध्यान नहीं देते है. गौरवपथ के किनारे मांस, मछली की दुकाने खुलने के कारण मार्ग से गुजरने वाले लोगों को दुर्गंध और सड़ांध का भी सामना करना पड़ता है.


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