Chhattisgarh: खुले में कचरा फेंकने पर नहीं होती कार्रवाई, सफाई में लापरवाही बरतने वाले सुपरवाइजरों का कटेगा वेतन
Ambikapur News: पार्षद रिंकू वर्मा ने कहा कि जब तक कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिलेगा, तब तक वे सामान्य सभा की बैठक में नाश्ता, पानी के साथ भोजन नहीं लेंगे.
Ambikapur Municipal Corporation News: छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर शहर में बदहाल सफाई व्यवस्था के लिए संबंधित क्षेत्र के जिम्मेदार सुपरवाइजरों के वेतन से अब कटौती होगी. अम्बिकापुर नगर निगम के सामान्य सभा की बैठक में यह निर्णय लिया गया. बैठक में विपक्ष के द्वारा यह आरोप लगाया गया कि नगर निगम में मौजूदा समय में सफाई व्यवस्था बदहाल हो चुकी है. इसके लिए वोट बैंक की राजनीति और सड़क पर कचरा फेंकने वालों को खुली छूट प्रमुख कारण है. विपक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि खुले में कचरा फेंकने पर जुर्माना का प्रावधान होने के बावजूद इस ओर न तो कोई कार्रवाई की जा रही है और न ही सख्ती बरती जा रही है. यही कारण है कि लोग अब लापरवाही बरतने लगे हैं.
यह भी आरोप लगाया गया कि अम्बिकापुर शहर के अधिकांश वार्ड में नाली गंदगी से सराबोर हो बजबजा रही है. बार-बार आग्रह करने के बावजूद सफाई सुपरवाइजरों के द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है. यही वजह है कि स्वच्छता के क्षेत्र में नंबर वन शहर अब पिछड़ कर 23वें नंबर पर आ गया है. जिन विषयों में नगर निगम को गंभीर होना चाहिए, उस विषय में भी लापरवाही बरती जा रही है. स्वच्छता नगर निगम की प्रतिष्ठा से जुड़ा मामला है और इस पर वोट बैंक की राजनीति के बजाय कार्रवाई होनी चाहिए.
'वेतन की कटौती की जाएगी'
इधर पार्षद रिंकू वर्मा ने कहा कि जब तक कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिलेगा, तब तक वे सामान्य सभा की बैठक में नाश्ता, पानी के साथ भोजन नहीं लेंगे. यह संकल्प लिए आठ साल गुजर गए, मगर कर्मचारियों को अभी भी समय पर वेतन नहीं मिल पा रहा है. विपक्ष के इन सवालों पर महापौर डॉ. अजय तिर्की ने कहा कि जिस क्षेत्र में स्वच्छता के प्रति लापरवाही होगी, जगह-जगह कचरे का ढेर होगा, उस क्षेत्र के सुपरवाइजर के वेतन की कटौती की जाएगी.
'इस कारण समय पर वेतन नहीं दे पा रहे हैं'
महापौर डॉ. अजय तिर्की ने कहा कि हम वर्ष 2015 से 17 तक स्वच्छता में नंबर वन रहे हैं, मगर मौजूदा समय में ऐसा क्या कारण है कि हम पिछड़ गए. उन्होंने इस पर चिंतन करते हुए कहा कि आर्थिक तंगी की वजह से हम कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं दे पा रहे हैं. कई बार दो से तीन माह तक कर्मचारियों को बगैर वेतन काम करना पड़ता है. ऐसी स्थिति में कर्मचारियों की कार्यक्षमता में कमी आना स्वाभाविक है. उन्होंने कहा कि इसके बावजूद हम अपनी जिम्मेदारियों से नहीं भाग सकते. शासन स्तर पर लंबित वेतन भुगतान के लिए पहल होगी.
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