Ambikapur Murder News: छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर शहर के मणिपुर थाना के समीप एक नाबालिग की गला दबा हत्या कर दी गई थी. इस मामले में किए जाने के मामले में पुलिस ने पांच घंटे के अंदर हत्या के संदेही हमउम्र नाबालिग को पकड़ने में सफलता पाई है. हालांकि अभी नाबालिग को बाल गृह में रखा गया है. पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद अपराध दर्ज करते हुए नाबालिग को बाल न्यायालय में पेश किया जाएगा. 


इस मामले में नाबालिग द्वारा जैकेट की टोपी की रस्सी से गला घोंटकर हत्या करना स्वीकार किया गया. कथित तौर पर नाबालिग ने ब्रेकअप कराए जाने से क्षुब्ध होकर वारदात को अंजाम दिया. पुलिस ने बताया कि लक्ष्मीपुर बंजारी निवासी आशीष लकड़ा पिता करमा लकड़ा (16 वर्ष) कक्षा 8 वीं का छात्र था. पिता के शराबी होने के चलते मां गुदरी बाजार के एक होटल में काम करते हुए वहीं रहता है.


गांव वालों ने देखा था बैग ले स्कूल जाते 
जबकि आशीष लकड़ा पिता के साथ ही रहता था. पिता के शराबी होने के चलते वह परेशान होकर कई बार पड़ोसी मुंशी मुंडा के घर पर रहने चला जाता था. परिजनों के मुताबिक दो दिनों से वह पड़ोसी मुंशी मुंडा के घर पर ही था और गांव वालों ने उसे बैग ले स्कूल जाते देखा था, मगर इस अवधि में आशीष लकड़ा अपने घर नहीं गया था. 28 जनवरी को सुबह मोहल्ले के लोग जब मणिपुर चौकी के समीप बोरिंगपारा में पानी लेने गए थे. तब विनोद गुप्ता के मकान के आहता के नीचे सड़क की ओर औंधे मुंह शव पाया. खबर पर एडिशनल एसपी पुपलेश कुमार, सीएसपी स्मृतिक राजनाला मणिपुर पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की.


मृतक के साथियों को भी ढूंढ रहा था चाकू लेकर
पुलिस पूछताछ में संदेही के द्वारा यह जानकारी दी गई है कि उसका दरिमा और गांधीनगर क्षेत्र की युवती के साथ प्रेम प्रसंग था. मृतक द्वारा दोनों युवतियों से उसका संबंध विच्छेद करा दिया गया था. जिससे वह उससे रंजिश रखता था. इसी रंजिशवश उसने आशीष लकड़ा को एकांत स्थल में ले जा पहले शराब पिलाया, इसके बाद गला घोंट दिया. उसे ठिकाने लगाने के बाद वह मृतक के दो और साथियों को मारने चाकू लेकर ढूंढ रहा था, मगर इससे पहले वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया.


खून टपकने का मिला निशान, हत्या को दिया दूसरा रूप
नाबालिक छात्र के संदिग्ध शव मिलने के मामले में फॉरेंसिक एक्सपर्ट कुलदीप कुजूर मौके पर पहुंचे और परिजनों के समक्ष घटना स्थल की बारीकी से जांच करने के साथ शव का भी मुआयना किया. शव के पास से खेत की ओर खून टपकने का निशान था, फॉरेंसिक एक्सपर्ट ने बताया कि प्रथम दृष्टि में ही मामला हत्या का प्रतीत हो रहा था. शव का मुआयना करने पर गला घोंटे जाने का निशान मिला, जबकि हत्यारे के द्वारा सुनियोजित तरीके से घटना को दूसरा रूप देने के लिए आहता के इंट को पत्थर से रगड़ निशान बनाया गया. ताकि पुलिस यह समझे कि बालक की आहता से गिरने से मौत हुई है, मगर मृतक के जूते में इंट के रगड़ का कोई निशान नहीं मिला.


हत्या के बाद कंधे में ढो फेंका शव
सीएसपी स्मृतिक राजनाला ने बताया कि पंचनामा और पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है. इधर इस मामले की विवेचना में जुटी पुलिस ने ग्रामीणों से मिले सुराग के आधार पर संदेही नाबालिक को पकड़ने में सफलता पाई. पूछताछ में नाबालिक द्वारा जैकेट की टोपी की रस्सी से गला घोंट हत्या कर कंधे में शव को ढो फेंकना स्वीकार किया गया. उन्होंने बताया कि संदेही को बाल गृह में रखा गया है.


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