Ambikapur News: आपने कई ऐसे अजूबे देखे होंगे जिन पर विश्वास करना मुश्किल होता है. ऐसे ही अजूबों में शामिल है छत्तीसगढ़ का जलजली. इस जगह की खासियत है कि यहां चलने या उछल कूद करने से ज़मीन हिलने लगती है. ऐसा लगता है मानों इसके नीचे दलदल है. लेकिन इसका अभी तक सही सही पता नहीं चल सका है. विशेषज्ञ इस जगह के रहस्य को जानने के लिए शोध में जुटे हैं. दरअसल, सरगुजा ज़िले के मैनपाट को छत्तीसगढ़ का शिमला कहे जाने की वजह है. शिमला इसलिए कहा जाता है क्योंकि यहां सालभर ठंड रहती है.


इसके अलावा मैनपाट की खूबसूरती शिमला से कम नहीं है. समुद्र तल से 3300 फीट ऊंचाई पर पहाड़ियों से घिरे मैनपाट में कई ऐसे अजूबे हैं, जिसे देखकर आप दांतो तले उंगली दबा लेंगे. उन अजूबों में से एक है जलजली जहां की ज़मीन हिलती है. अब ये जगह पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित हो चुका है. इस जगह पर अब छत्तीसगढ़ ही नहीं अन्य राज्यों के पर्यटक भी पहुंचते है और जमीन हिलने के रहस्य का पता लगाने की कोशिश करने के साथ-साथ मनोरंजन भी करते है.


सैलानियों के लिए जलजली मुख्य आकर्षण का केंद्र


छत्तीसगढ़ के हिल स्टेशन कहे जाने वाले मैनपाट में उल्टा पानी, मछली पॉइंट, टाइगर पॉइंट, मेहता पॉइंट घूमने लायक जगहें हैं. नवंबर-दिसंबर-जनवरी के महीनों में सैलानियों की भारी भीड़ उमड़ती है. सैलानियों के लिए जलजली मुख्य आकर्षण रहता है क्योंकि ज़मीन हिलने जैसा अजूबा मैनपाट में ही देखने को मिलता है. हालांकि जमीन के हिलने की घटना को उस जगह पर नीचे दलदल होने की बात से जोड़ा जाता है. लेकिन शोधकर्ता बताते हैं कि जमीन के नीचे ज्वालामुखी का द्वार था. मैनपाट के अजूबों की कहानियां पूरे देश में मशहूर हैं. शायद यही वजह है कि देश के कोने-कोने से लोग मैनपाट की खूबसूरती को निहारने पहुंचते हैं. पर्यटन विभाग भी मैनपाट की संस्कृति और खूबसूरती को बढ़ावा देने के लिए सुविधाओं का विस्तार कर रहा है.


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