Ambikapur News: छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर शहर के प्रतीक्षा बस स्टैंड मार्ग स्थित गौरव पथ बस संचालकों और प्रशासन की मिलीभगत के चलते आज तक मुक्त नहीं हो पाया है. दर्जनों घटनाएं होने के बावजूद न तो बस संचालक प्रशासन के निर्देशों की परवाह कर रहे हैं और न ही प्रशासन अपने संबंधों को बचाने इस मार्ग में 24 घंटे खड़ी रहने वाली बसों को ही सड़कों से नीचे व्यवस्थित करा पा रही है. 


अम्बिकापुर शहर के सेंट्रल जेल, कन्या महाविद्यालय, प्रमुख अस्पताल और प्रतीक्षा बस स्टैंड जैसे संवेदनशील इलाके में स्थित गौरव पथ लंबे अरसे से शहर की अशांति की बड़ी वजह बना हुआ है. यहां सड़क पर 24 घंटे खड़े रहने वाले निजी बस संचालकों ने इसे अघोषित अड्डा बना रखा है, जिसमें शाम ढलते ही असामाजिक तत्वों व नशेड़ियों का जमघट जुटने लगता है. 


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शहर के गौरव पथ में बीते तीन-चार वर्षों से बढ़ते असामाजिक गतिविधियां, लूटपाट, मारपीट और छीनाझपटी जैसे दर्जनों घटनाओं के बाद अब शाम ढलने पर बस स्टैंड से चढ़ने-उतरने वाले यात्रियों के साथ स्थानीय नागरिक भी इस मार्ग से आने-जाने में कतराने लगे हैं. बढ़ती वारदातों के बीच नागरिकों की मांग पर प्रशासन ने गौरव पथ पर किसी भी तरह के वाहन खड़ा रखने पर अंकुश लगा दिया है, परंतु न तो वह इसका पालन करा पा रही है और न ही बस संचालक गौरव पथ पर अपने स्थाई कब्जे को हटाने की मंशा कर रहे हैं. 


गौरतलब है कि गौरव पथ और बस स्टैंड की देखरेख के लिए कोतवाली पुलिस की यहां स्थाई चौकी और पुलिस अधिकारी कर्मचारी तैनात हैं, परंतु वे भी संचालकों के आगे नतमस्तक हैं. वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना देने के बावजूद न तो वे इस मार्ग को व्यवस्थित करने कोई पहल कर पा रहे हैं और न ही अपने ही कायदों का पालन करा रहे हैं.