Ambikapur Fire Prevention : अंबिकापुर जिले के अधिकतर वाहनों में आग से सुरक्षा के समुचित इंतजाम का घोर अभाव है. आगजनी की घटना कब हो जाए, कोई नहीं जानता. छोटी सी चिंगारी भी बड़ी घटना का रूप ले सकती है. ऐसे में पहले से सुरक्षा के इंतजाम न हों तो लोगों के लिए कई तरह की परेशानी हो सकती है. खासकर वाहनों में आग लगने का खतरा अधिक होता है. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के अम्बिकापुर (Ambikapur) शहर में पिछले कुछ साल के भीतर ही ऑटो समेत चार पहिया वाहनों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है. लेकिन, हैरानी की बात यह है कि अधिकांश वाहनों में अग्निशमन यंत्र (Fire Extinguishers) नहीं होते. इससे हर समय दुर्घटना (Accident) की आशंका बनी रहती है. 


जान जोखिम में डालकर सफर कर रहे लोग
निजी चार पहिया वाहन के अलावा ऑटो हो या यात्री बस, इनमें नियमानुसार अग्निशमन यंत्र लगाना अनिवार्य होता है. बाजवूद इसके अधिकतर बसों और ऑटो व चार पहिया वाहनों में आग बुझाने के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होती. इससे आग लगने की स्थिति में वाहन में सवार लोगों के लिए काफी खतरनाक होता है. ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी आरटीओ व दमकल विभाग को नहीं है. बावजूद, इसके जांच व कार्रवाई नहीं की जा रही है. इससे लोग जान जोखिम में डाल कर सफर करने को मजबूर हैं.


बसों में नहीं मिलते अग्निशमन यंत्र
अम्बिकापुर शहर का अन्तर्राज्यीय प्रतीक्षा बस स्टैण्ड, जहां जिला सहित दूसरे शहर व जिलों से प्रतिदिन हजारों की संख्या में यात्री पहुंचते हैं. शहर से हर रूट पर लगभग हर रोज पांच सौ यात्री बसें आवागमन करती हैं. ऐसे में शहर के अन्य सार्वजनिक स्थानों की अपेक्षा प्रतीक्षा बस स्टैण्ड में चौबीस घंटे लोगों की काफी भीड़ होती है. लेकिन, आगजनी की घटना को लेकर अधिकतर यात्री बसों में आग से बचाव के लिए एक भी अग्निशमन यंत्र नहीं होता.


गिनती के ऑटो में ही हैं सिलेंडर
अंबिकापुर शहर में कुछ साल के भीतर ही ऑटो की संख्या लगभग तीन हजार के पार हो चुकी है. ये ऑटो शहर के विभिन्न मार्गों में दौड़ती हैं. तीन हजार ऑटो में गिनती के कुछ ही में आग बुझाने के लिए छोटे सिलेंडर की व्यवस्था होती है, जिससे आपातकालीन समय में थोड़ा-बहुत ही सही, लेकिन आग पर काबू पाया जा सकता है. ऐसे में किसी वाहन में आग लगी तो न सिर्फ बड़ी दुर्घटना हो सकती है, बल्कि यात्रियों की जान जोखिम में पड़ सकती है. 


दमकल विभाग की हिदायत के बाद कुछ सुधार
हालांकि, दमकल विभाग की हिदायत के बाद कुछ बस व ऑटो में आग बुझाने के लिए सिलेंडर रखे गए हैं. लेकिन, निजी चारपहिया वाहनों में आपातकालीन स्थिति से निपटने कोई व्यवस्था नहीं होती. ऐसे में वाहन में आग लग गई तो वाहन के बुरी तरह से जल जाने की आशंका होती है. वाहन में सवार लोगों के लिए भी खतरा होता है.


वाहनों में लग चुकी है आग
अम्बिकापुर शहर सहित आसपास क्षेत्र में पिछले एक माह के भीतर ही चारपहिया, बस व स्कूटी में आग लगने की चार घटनाएं हो चुकी हैं. कुछ घटनाओं में तो चलते वाहन में आग लगी है, जबकि अधिकतर आगजनी की घटनाएं खड़े वाहनों में हुई हैं. इससे पूर्व भी यात्री बस, ऑटो व अन्य वाहनों में आग लगने की कई घटनाएं हो चुकी हैं. हालांकि, आगजनी से कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन वाहन क्षतिग्रस्त हो गए. इस प्रकार की घटनाओं से एक बात तो स्पष्ट हो गई है कि पेट्रोल व डीजल वाहनों में कभी भी आग लग सकती है. ऐसे में वाहन में अग्निशमन सिलेंडर रखना महत्वपूर्ण है.


अग्निशमन यंत्र अनिवार्य
अस्पताल, बस स्टैंड, कार्यालयों, सिनेमा हॉल सहित अन्य सार्वजनिक स्थानों पर जहां लोगों की काफी भीड़ होती है, वहां अग्निशमन यंत्र लगाना अनिवार्य है. इसी तरह यात्री व निजी वाहनों में भी अग्निशमन यंत्र रखना अनिवार्य होता है. ताकि, आग लगने की स्थिति में समय रहते उस पर काबू पाया जा सके. बावजूद इसके लोग इस ओर ध्यान नहीं देते, जिससे आगजनी की घटनाएं होती हैं.


क्या बोले दमकल प्रभारी
जिले के दमकल प्रभारी अंजनी तिवारी ने बताया कि शहर के होटल, लॉज, अस्पताल समेत निजी संस्थानों में अग्निशमन यंत्र व्यवस्थित हैं या नहीं, इसे लेकर विभाग द्वारा अभियान चलाकर जांच की जाती है. इसी प्रकार यात्री वाहनों में भी जांच की जाती है और वाहन मालिकों को अग्निशमन यंत्र लगाने की हिदायत दी गई है. इसके बाद कुछ वाहनों में व्यवस्था भी की गई है. यात्री बस, ऑटो समेत अन्य वाहनों में भी अग्निशमन यंत्र की जांच की जाएगी.


यह भी पढ़ेंः Unemployment Allowance: बेरोजगारों को हर महीना ₹2500 देगी सरकार, बस ऑनलाइन करना होगा ये काम