Ambikapur Latest News: छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर में इस वर्ष 96 लाख का कचरा स्वच्छता दीदियों ने बेचा है. हर वर्ष कचरे से आमदनी बढ़ती जा रही है. कचरा बेचकर ही महिलाएं अपना मानदेय निकालती हैं. अगले वित्तीय वर्ष में इसे एक करोड़ से अधिक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है, इसलिए कचरे की आवक और उसकी छंटाई के बाद प्रोसेसिंग को और बेहतर किया जा रहा है.


 वर्ष 2015-16 में अम्बिकापुर शहर के कुछ वार्डों में डोर टू डोर कचरा संग्रहण का काम शुरू हुआ. एक, दो साल तक स्वच्छता दीदियों को काफी कठिनाई का भी सामना करना पड़ा. मानदेय भी काफी कम मिलता था. कचरे की बिक्री भी पहली बार महज 10 से 20 हजार की ही होती थी. कचरा संग्रहण के बाद पहली बार सर्वाधिक डेढ़ लाख का कचरा बिका तो इन महिलाओं में उत्साह जगा. इस राशि ने महिलाओं को कुछ नया करने का हौसला बढ़ाया.


महिलाओं को यह पता था कि केवल कागज, प्लास्टिक, गत्ता, कांच ही कचरा है किंतु इन सबका अलग अलग प्रकार होता है यह महिलाओं को पता नहीं था.धीरे-धीरे खुद किया और सीखा और कागज के विभिन्न प्रकार को अलग-अलग रखना शुरू किया.प्लास्टिक के कई केटेगरी को अलग-अलग छांटना शुरू किया. कांच, थर्माकोल जैसी चीजों को भी अलग-अलग कैटेगरी में रखना शुरू किया. कुछ गंदे कवाड़, कचरे को धुलाई कर साफ-सफाई कर उसे एकत्रित करना शुरू किया.


इसके बाद जब इसकी बिक्री हुई तो आमदनी बढ़ने लगी. महिलाओं को जब एक बार में आठ लाख से अधिक की कमाई होने लगी तो कचरे की गुणवत्ता को महिलाओं ने सुधारना शुरू किया. कचरे की बेहतर गुणवत्ता और अलग-अलग तरीके से छंटाई ने अच्छा दाम देना शुरू किया.


नई योजना से और बढ़ेगी कचरे से आमदनी


नगर निगम आयुक्त प्रतिष्ठा ममगई ने कहा कि निश्चित रूप से तत्कालीन कलेक्टर ऋतु सैन ने अम्बिकापुर शहर को स्थायी काम दे दिया है. महिलाओं को कचरे से आय अर्जित करने का साधन दिया है. यही नहीं शहर की स्वच्छता भी इसी से बनी है. सालाना आय बढ़े इसके लिए हमसे सेग्रिगेशन पर जोर दे रहे हैं. अम्बिकापुर शहर में नए लोग आ रहे हैं. उन्हें कचरे को सहेजकर रखने जागरूक भी करना जरूरी हो गया है ताकि एक भी कचरा बेकार न जाए. इस दिशा में हम काम कर रहे हैं. अधिक से अधिक आय अर्जित हो इसके लिए मुख्यमंत्री ने अर्बन इंडस्ट्रियल पार्क की घोषणा की है.


हमारी कोशिश है कि इस पार्क में हम थर्माकोल, प्लास्टिक, कागज सहित अन्य एकत्रित कचरे का निपटान करने प्रोसेसिंग यूनिट डालें ताकि यहां निर्मित सामग्रियों के दाम भी अधिक मिलें. आने वाले दिनों में अर्बन इंडस्ट्रियल पार्क में यह सब यूनिट स्थापित होगी तो प्लास्टिक के पेवर ब्लाक व थर्माकोल की अन्य सामग्री निर्माण किए जा सकेंगे जिससे आय बढेगी.


सोचा नहीं था कचरा सच में बन जाएगा सोना


महिलाओं ने जब शहर में कचरा प्रबंधन का काम शुरू किया तो सोचा नहीं था कि जिस काम में हाथ डाल रही हैं. वह कचरे का प्रबंधन नहीं बल्कि कचरे को सोना बनाने की बात है. तत्कालीन कलेक्टर ऋतु सैन ने हमेशा महिलाओं को प्रोत्साहित करते हुए कचरे को सोना बनाने की बात कही थी, वह बात आज अम्बिकापुर शहर में साबित भी हो गई है. अम्बिकापुर शहर से निकलने वाला एक एक कचरा महिलाओं के लिए सोना है.


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