Ambikapur Fraud: अंबिकापुर में झांसा देकर फ्रॉड, ऐप डाउनलोड करवाकर अकाउंट से उड़ा दिए लाख रुपये
Ambikapur Fraud Case: अंबिकापुर से ठगी का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां कोरियर से पैनकार्ड भेजने के नाम पर निजी अस्पताल के आईसीयू स्पेशलिस्ट के साथ ऑनलाइन ठगी की गई.
Ambikapur News Today: छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर शहर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जहां एक निजी अस्पताल के आईसीयू स्पेशलिस्ट को अज्ञात ठगों ने कोरियर का पता मिट जाने का झांसा देकर एक ऐप डाउनलोड कराया और फिर उनकी मां के बैंक खाते से करीब एक लाख रुपये ठग लिए. मामले में गांधीनगर पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ धारा 420 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
घटना के संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक, तमिलनाडु के धर्मपुरी निवासी केश्वन पी अम्बिकापुर में रहते हैं और महावीर हॉस्पिटल में आईसीयू स्पेशलिस्ट के तौर पर नौकरी करते हैं. वह सिर्फ तमिल और अंग्रेजी भाषा बोल सकते हैं, जबकि हिंदी भाषा उन्हें नहीं आती है. उन्होंने गांधीनगर थाना में शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि उनकी मां मगेश्वरी का बैंक खाता नलमपल्ली धर्मपुरी तमिलनाडु में है. मां के बैंक खाता से उनका मोबाइल नंबर लिंक है.
पैन कार्ड सर्च करते हुए मिला था नंबर
केश्वन पी ने पुलिस को बताया कि उनका पैन कार्ड तमिलनाडु में था. उनके पैन कार्ड को परिवारजनों के द्वारा प्रोफेशनल कोरियर सर्विस के माध्यम से उनके अम्बिकापुर के पते पर भेजा था. जिसे ट्रैक करने पर लोकेशन रायपुर में दिखाया था, मगर कई दिन बाद भी यह कोरियर उनके पास नहीं पहुंचा. जिससे उन्होंने गूगल में भेजे गए कोरियर का नंबर सर्च किया. जहां से मिले नंबर पर कॉल किया. फोन उठाने वाला व्यक्ति हिंदी में बात कर रहा था. जिससे उसकी बातें उन्हें समझ में नहीं आई.
ठगों ने पीड़ित को ऐसे दिया झांसा
केश्वन पी के मुताबिक, वे अंग्रेजी में बोल रहे थे, जिससे उस व्यक्ति ने फोन काट दिया. इसके बाद उनके मोबाइल पर 10 और 11 फरवरी को दूसरे नंबर से अज्ञात लोगों ने फोन किया. हिंदी में बातचीत करने के कारण उन्होंने अस्पताल की स्टॉफ नर्स को मोबाइल दे दिया.
नर्स ने उनसे बात करते हुए बताया कि फोन करने वाला व्यक्ति खुद को कोरियर वाला बता रहा है. उस व्यक्ति के मुताबिक, आपके कोरियर के ऊपर लिखा पता मिट गया है, जिसकी वजह से एक छोटी सी प्रक्रिया को फॉलो करना पड़ेगा. इसके लिए पांच रुपये ट्रांसफर करने पर पार्सल आपके पते पर आ जाएगा.
इसके बाद उन्होंने पांच रुपये ट्रांसफर करने सहमति दी, तो फोन करने वाले व्यक्ति ने बताया कि कस्टमर सपोर्ट ओएस 19 नाम से ऐप डाउनलोड करना पड़ेगा. उसने व्हॉट्सऐप से इस ऐप का लिंक भेजा. जिसे डाउनलोड करने पर उनके खाते में रुपये ट्रांसफर नहीं होने पर उन्होंने मां के खाते से पांच रुपये ट्रांसफर कर दिया. इसके बाद फोन करने वाले व्यक्ति ने बताया कि पार्सल आपके पते पर आ जाएगा. यह जानकारी दिए जाने के बाद उन्होंने इस ऐप को अनइंस्टॉल कर दिया.
एक लाख रुपये से ऊपर की ठगी
इसके दूसरे दिन 12 फरवरी को उनके मोबाइल पर दोबारा फोन आया और ऐप को दोबार डाउनलोड करने को कहा. इसके बाद मैसेज आया कि आपके पते पर पार्सल पहुंच चुका है. इसके बाद उन्होंने ऐप डाउनलोड नहीं किया, मगर उसी दिन उनकी माता के खाते से 3900 रुपये विदड्रा होने का मैसेज आया. जब उन्होंने अपने खाते की जांच की तो उन्होंने देखा कि 99 हजार रुपये का उनके खाते से विदड्रा हो गया. इस प्रकार अज्ञात लोगों के द्वारा उनके और मां के खाते से कुल एक लाख दो हजार नौ सौ रुपए की ठगी कर ली गई.