Ambikapur: सस्पेंड होने के बाद भी प्रिंसिपल की नहीं गई हेकड़ी, स्टाफ की मीटिंग ली और छुट्टी लेकर गायब
Chhattisgarh News: कॉलेज के कर्मचारी ने प्रिंसिपल की उच्च शिक्षा विभाग में शिकायत कर दी. प्रिंसिपल के खिलाफ वित्तीय अनियमितता और आदिवासी कर्मचारी के साथ अभद्रता का भी आरोप था.
Ambikapur News: सरगुजा संभाग में सबसे बड़े महाविद्यालय राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्रिंसिपल को उच्च शिक्षा विभाग ने सस्पेंड कर दिया है. आरोप है कि सस्पेंशन ऑर्डर आने के बाद प्रिसिंपल ने न केवल प्रोफेसर और कर्मचारियों की बैठक ली बल्कि आकस्मिक छुट्टी लेकर गायब हो गए. जबकि ऐसा करना नियमों और शर्तों के साथ शासकीय आदेश की अवहेलना है. स्टूडेंट और स्टाफ प्रिंसिपल के कारनामे को बखूबी जानते हैं.
प्रिंसिपल के सस्पेंशन आर्डर में क्या लिखा
प्रिंसिपल डॉ एस एस अग्रवाल के सस्पेंशन आर्ड में लिखा है, "उच्च शिक्षा विभाग की तरफ से डॉ एस एस अग्रवाल के खिलाफ शिकायतों की जांच सही पाई गई. डॉ अग्रवाल ने समय समय पर दिए निर्देशों की अवहेलना करने, अनुचित वित्तीय लाभ, आचरण नियमों के खिलाफ काम करने, छत्तीसगढ़ सिविल सेवा ( वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है. इसके बाद दूसरी लाइन में लिखा है कि निलंबन अवधि में इनका मुख्याल क्षेत्रीय अपर संचालक कार्यालय उच्च शिक्षा विभाग रायपुर रहेगा. निलंबन अवधि में नियमानुसार निलंबन भत्ता की पात्रता होगी. ग़ौरतलब है कि ये आदेश उच्च शिक्षा विभाग के अवर सचिव आर ए निर्मलकर की तरफ से जारी किया गया है. सूचना छत्तीसगढ़ के राज्यपाल को भी दी गई है.
कर्मचारियों की शिकायत पर जांच की गई
डॉ एस एस अग्रवाल वर्षों पहले अम्बिकापुर के पीजी कॉलेज में प्रोफेसर हुआ करते थे. इस दौरान उन पर महिला उत्पीडन के आरोप लगे थे. प्रोफेसर के कारनामों की वजह से कॉलेज की भी जमकर किरकिरी हुई. उसके बाद पिछले कई महीनों से पीजी कॉलेज में प्रिंसिपल के पद पर रहते हुए एस एस अग्रवाल की हरकतों में सुधार नहीं आया. समय समय पर प्रिंसिपल ऐसे मामलों के लिए चर्चा में रहे. इस बार कॉलेज के कर्मचारी ने प्रिंसिपल की उच्च शिक्षा विभाग में शिकायत कर दी. प्रिंसिपल के खिलाफ वित्तीय अनियमितता और आदिवासी कर्मचारी के साथ अभद्रता का भी आरोप था. इन सब मामलों की शिकायत के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने जांच कर क्षेत्रीय अपर संचालक और पीजी कॉलेज प्रिंसिपल डॉ एस एस अग्रवाल को सस्पेंड कर दिया है.
निलंबन के बाद बैठक- आकस्मिक छुट्टी
सेवा काल से ही एस एस अग्रवाल कारनामों के लिए सुर्खियों मे रहे हैं. डॉ एस एस अग्रवाल के निलंबन का आदेश 19 तारीख को उच्च शिक्षा विभाग ने जारी किया था. बताया जाता है कि निलंबन आदेश के कुछ घंटे में ही सूचना पीजी कॉलेज तक पहुंच गई. कल 19 तारीख को शाम 5 बजे डॉ अग्रवाल नियम विरुद्ध प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर और अधिकारी कर्मचारी की बैठक ले रहे थे. निलंबन आदेश के बाद प्रिंसिपल को पद छोड़ देना चाहिए था. उसकी जगह प्रिंसिपल सीएल (आकस्मिक अवकाश) लेकर कॉलेज से फरार हो गए. बताया जाता है कि पहले की ही तरह कुर्सी बचाने के लिए प्रिंसिपल सीएल लेकर गायब हो गए हैं ताकि उनकी जगह कोई नया प्राचार्य जगह ना ले सके. उनकी मंशा राजधानी में आकाओं से मिलकर खुद को सुरक्षित रखना था.
Chhattisgarh: अप्रैल में ही 44 डिग्री तक पहुंचा पारा, अधिकतर जिलों में तापमान 40 डिग्री के पार