Ambikapur News: अंबिकापुर में मटन से महंगा बिक रहा जंगली खुखड़ी, कोचिये की मनमानी से बढ़ रहे दाम
Chhattisgarh News: सरगुजा जिले में खुखड़ी (मशरूम) के जायके में कोचियों की मनमानी भारी पड़ रही है. शहर के सब्जी बाजार में कब्जा जमा चुके कोचियों की ग्रामीण इलाके में भी घुसपैठ हो गई है.
Surguja News: सरगुजा जिले में खुखड़ी (मशरूम) के जायके में कोचियों की मनमानी भारी पड़ रही है. शहर के सब्जी बाजार में कब्जा जमा चुके कोचियों की ग्रामीण इलाके में भी घुसपैठ हो गई है. ग्रामीणों के शहर आने के पहले ही कोचिये गांव पहुंच रहे हैं और अन्य हरी सब्जियों के समान सरगुजिहा मशरूम (खुखड़ी) औने पौने दाम में खरीद शहर में कई गुना अधिक दर पर बेच रहे हैं. यही कारण है कि इस वर्ष शहर में मशरूम की कीमत पहली बार मटन से अधिक 800 रुपए प्रति किलो हो गई है.
मशरूम को काफी पौष्टिक माना जाता है
अम्बिकापुर शहर के गुदरी बाजार के अलावा आकाशवाणी चौक, बिलासपुर चौक में भी सरगुजिहा मशरूम की बिक्री हो रही है. काफी अधिक कीमत होने के कारण सामान्य परिवार केवल कीमत पूछ आगे बढ़ जा रहा है. आर्थिक रूप से संपन्न लोग ही खुखड़ी (मशरूम) का स्वाद ले पा रहे हैं. मशरूम को काफी पौष्टिक माना जाता है. जिसका स्वाद मटन के समान ही होता है. बारिश के मौसम में सरगुजा में पुटू और मशरुम की मांग काफी अधिक होती है.
सीजन के शुरुआत में 1700 रुपये किलो था दाम
ग्रामीण इलाके के लोग पुटू अथवा खुखड़ी लेकर शहर पहुंचते हैं तो कोचिये औने पौने दाम पर थोक में खरीददारी कर लेते हैं और कई गुना अधिक दर पर बिक्री करते हैं. मौजूदा समय में पुटू की कीमत 300 रुपए प्रति किलो है. वहीं खुखड़ी की कीमत अधिक है. सीजन के शुरुआती दिनों में मशरूम की कीमत 1700 रुपए प्रति किलो थी.
आदिवासी अंचल सरगुजा जिले में वनवासियो के लिए जंगली पुटू और खुखड़ी भी आय का जरिया है. ग्रामीण महिला-पुरुष तड़के ही जंगल की ओर निकल पड़ते है और पुटू के साथ खुखड़ी उखाड़ कर लाते हैं. प्राकृतिक रूप से जंगल में उत्पादित पुटू और खुखड़ी के कुछ प्रजाति ही खाने योग्य होते हैं. जिसकी पहचान कर ग्रामीण जंगल से इसका संग्रहण कर बिक्री करते हैं.