(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Chhattisgarh Politics: क्या गुल खिलाएगी अमित जोगी और केसीआर की मुलाकात, कहां खड़ी है जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे)
Chhattisgarh News: केसीआर से मुलाकात के बाद जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) प्रमुख अमित जोगी ने कहा कि यह अंतरराज्यीय संपर्क है. मुझे यकीन है कि हमें मिलने वाला कोई भी समर्थन हमारे लिए फायदेमंद होगा.
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) (Janta Congress Chhattisgarh-J) के अध्यक्ष अमित अजीत जोगी (Amit Jogi) और तेलंगाना के मुख्यमंत्री और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सुप्रीमो के चंद्रशेखर राव (Telangana CM K Chandrasekhar Rao) से हुई मुलाकात आजकल चर्चा में है.तेलंगाना में हुई इन दोनों नेताओं की इस मुलाकात के कई राजनीतिक मायने हैं. खासतौर से तब जब इसी साल कांग्रेस (Congress) शासित छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने हैं. जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पार्टी है. अजीत जोगी का मई 2020 में निधन हो गया था. अमित जोगी उनके बेटे हैं. अमित जोगी ने राष्ट्रीय राजनीति में वैकल्पिक राजनीतिक ताकतों की जरूरत पर जोर देते हुए बीआरएस के गठन का स्वागत किया.
केसीआर क्या कोशिश कर रहे हैं
के चंद्रशेखर राव पिछले काफी समय से तेलंगाना के पड़ोसी राज्यों के नेताओं से मिल रहे हैं. वो भारत राष्ट्र समिति को राष्ट्रीय स्तर पर फैलाना चाहते हैं. इसलिए अमित जोगी और केसीआर की मुलाकात को राज्य के आने वाले चुनाव को ध्यान में रखकर देखा जाना चाहिए. ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री गिरिधर गमांग बीआरएस में शामिल हो चुके हैं.वहीं महाराष्ट्र के पूर्व सांसद छत्रपति संभाजीराजे से केसीआर की मुलाकात हुई है. संभाजीराजे छत्रपति शिवाजी के वंशज हैं.
छत्तीसगढ़ में ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि जेसीसी (जे) का कांग्रेस में विलय हो सकता है. लेकिन अब इन अटकलों पर विराम लग चुका है.अमित जोगी ने इसे स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि यह हमारी पार्टी के सिद्धांतों और संविधान के खिलाफ है. छत्तीसगढ़ के चुनाव में अगर केसीआर अगर अमित जोगी का समर्थन करते हैं तो यह एक बड़ा कदम होगा. क्योंकि केसीआर एक देशव्यापी मार्चो लोकसभा चुनाव को देखते हुए बनाने का प्रयास कर रहे हैं. इसके लिए वो लगातार नेताओं से संपर्क कर रहे हैं.पिछले दिनों उन्होंने एक रैली भी की थी, इसमें अखिलेश यादव, अरविंद केजरीवाल और डी राजा जैसे नेता शामिल हुए थे. इसे बीजेपी के विरोध में गैर कांग्रेसी मोर्चा बनाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है.
छत्तीसगढ़ में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) राज्य की राजनीति में एक ताकत बनने की कोशिश कर रही है. वह बीजेपी और कांग्रेस को कड़ी टक्कर देना चाहती है. उसने 2018 का विधानसभा चुनाव बसपा के साथ मिलकर लड़ा था.जेसीसी (जे) ने 57 सीटों पर चुनाव लड़ा था और पांच सीटों पर जीत हासिल की थी. उसे कुल 7.6 फीसदी वोट भी मिले थे. वहीं बसपा ने 35 सीटों पर चुनाव लड़कर दो सीटें जीती थीं. उसे करीब चार फीसदी वोट मिले थे.
केसीआर से मुलाकात पर अमित जोगी ने कहा है कि दोनों राज्यों के लोगों का एक दूसरे के यहां आना-जाना है. इसलिए यह अंतरराज्यीय संपर्क है. मुझे यकीन है कि हमें मिलने वाला कोई भी समर्थन हमारे लिए फायदेमंद होगा. लेकिन मुझे नहीं पता कि वह (केसीआर) यहां आएंगे या नहीं. उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय दल बीजेपी को सत्ता से बाहर रखने में सफल रहे हैं.
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