Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बस्तरवासियों को 24 घंटे पेयजल उपलब्ध कराने का वादा अधूरा रह गया है, अमृत मिशन योजना के शुरू होने के 6 साल बाद भी हुए 6 साल बाद भी जगदलपुर समेत बस्तर जिले में इस योजना का 70 फीसदी काम ही पूरा हो सका है. आलम यह है कि इस भीषण गर्मी में बस्तरवासियों के साथ-साथ ग्रामीण अंचलों के निवासियों को भी पेयजल के लिए जूझना पड़ रहा है. पीएचई विभाग और नगर निगम की लापरवाही के चलते केंद्र सरकार की इस महत्वकांक्षी परियोजना का बस्तर में बुरा हाल हो गया है और इस साल के अंत तक भी अमृत मिशन योजना का काम पूरा होता दिखाई नहीं दे रहा है.
विपक्ष का आरोप- भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई योजना
विपक्ष का आरोप है कि करोड़ों रुपए की यह योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है, ठेकेदारों पर दबाव बनाकर काम नहीं कराने के चलते और इस महत्वकांक्षी योजना के पैसों का दुरुपयोग करने के चलते बस्तर में अमृत मिशन योजना का लाभ यहां के लोगों को नहीं मिल पा रहा है और भीषण गर्मी में पेयजल के लिए बस्तर में त्राहि-त्राहि मची हुई है.
योजना पर खर्च हुए थे 117 करोड़ रुपए
बस्तर में साल 2016 में इस योजना पर काम शुरू किया गया था. नगर निगम के अंतर्गत शहरी इलाक़ों में 117 करोड़ रुपए खर्च कर 25 हजार परिवारों को 24 घंटे पानी देने का लक्ष्य इस योजना के तहत रखा गया था, पूर्व में नागपुर की गोंडवाना कंस्ट्रक्शन कंपनी को अमृत मिशन योजना का टेंडर दिया गया था, भुगतान को लेकर हुए विवाद के बाद कंपनी ने काम छोड़ दिया था, इसके बाद विवाद हाईकोर्ट पहुंच गया . इसके बाद नए सिरे से रिटेंडर कर दूसरी कंपनी को जगदलपुर में अमृत मिशन योजना का काम सौंपा गया, अमृत मिशन योजना के नोडल अधिकारी अजीत कुमार तिग्गा ने बताया अब तक शहर में योजना का 70 प्रतिशत काम पूरा कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि वैसे तो 31 मार्च 2023 तक योजना का काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन नई कंपनी को 6 महीने का एक्सटेंशन दिया गया है. अधिकारियों ने सितंबर तक काम पूरा होने की उम्मीद जताई है.
विपक्ष ने कहा- योजना में जमकर हो रहा भ्रष्टाचार
वहीं विपक्ष का कहना है कि अमृत मिशन योजना में भारी भ्रष्टाचार किया गया है और इस योजना के तहत काम कर रही गोंडवाना कंस्ट्रक्शन कंपनी को किये गए भुगतान में जमकर धांधली की गई है. विपक्ष ने कहा कि यह योजना जगदलपुर शहर में आगामी 6 महीनों में भी कंप्लीट होती दिखाई नहीं दे रही है, निगम नेता प्रतिपक्ष संजय पांडे ने कहा कि अमृत मिशन योजना केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना है, निगम जानबूझकर पिछले 6 सालों से शहर में कछुआ गति से काम करा रहा है, वहीं बेतरतीब तरीके से काम किए जाने के चलते कई बार शहर के इलाकों में दोबारा पाइपलाइन बिछाई गई है. कुल मिलाकर इस योजना में जानबूझकर लेटलतीफी बरतने के साथ लाखों रुपए का भ्रष्टाचार भी किया जा रहा है.
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