Chhattisgarh News: अन्य विधानसभा से इस बार सारंगढ़ विधानसभा का माहौल सबसे जुदा है. आरक्षित सीट का यह विधानसभा इसलिए अब चर्चित हो गया है क्योंकि यहां पिता-पुत्री के अलावा पति-पत्नी ने दावेदारी पेश कर दी है. यानी पति नहीं तो पत्नी को टिकट मिले या पिता नहीं तो बेटी को टिकट मिले. इसी सोच को लेकर सारंगढ़ विधानसभा में करीब 14 लोगों ने दावेदारी ठोंकी है. इसमें 6 जोड़ी दावेदार जहां पति-पत्नी हैं. वहीं एक जोड़ी दावेदार पिता-पुत्री हैं. इसलिए अब यहां टिकट वितरण को लेकर काफी रोमांचक माहौल बनने के आसार नजर आ रहे हैं.


रायगढ़ जिले के चार और सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के सारंगढ़ विधानसभा के लिए मंगलवार को दावेदारी पेश करने का आखिरी दिन था. ऐसे में देर रात तक सभी ब्लॉक अध्यक्ष अपने-अपने कार्यालयों में दावेदारों का इंतजार करते रहे. चूंकि टिकट की मांग करना सबका अधिकार है. ऐसे में सबसे ज्यादा दावेदार रायगढ़ विधानसभा में सामने आए हैं. यहां मंगलवार देर शाम तक 21 आवेदन जमा हो चुका था. इसमें विधायक समेत अन्य शामिल हैं. यहां केवल दो आवेदन ऐसे हैं जो रिश्तेदारी में हैं, बाकी सब व्यक्तिगत है.


लैलूंगा विधानसभा में 14 आवेदन
लैलूंगा विधानसभा में 14 आवेदन जमा हुआ है. इसमें विधायक चक्रधर सिदार, पूर्व विधायक हृदय राम राठिया और बीजेपी से हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए डॉ नंदकुमार साय समेत अन्य दावेदार शामिल हैं. धरमजयगढ़ विधानसभा के लिए विधायक समेत एक अन्य ने दावेदारी पेश की है. खरसिया विधानसभा में केवल एक ही आवेदन मंत्री उमेश पटेल का ही जमा होने की बात सामने आ रही है.


पैनल बनाने में करनी होगी माथापच्ची
चुनाव लड़ने की महत्वाकांक्षा को देखते अब कांग्रेस के आला पदाधिकारियों को पांच-पांच नामों का पैनल बनाने में काफी माथापच्ची करनी पड़ेगी. खासकर वहां जहां पांच से ज्यादा दावेदारों ने दावेदारी पेश की है. इसमें रायगढ़, सारंगढ़ और लैलूंगा विधानसभा शामिल है. बाकी धरमजयगढ़ और खरसिया में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं आएगी. पदाधिकारियों को यह तय करने में काफी दिक्कत होगी कि किसको पैनल में शामिल करें और किसको नहीं.


यहां सबसे ज्यादा कठिन हालात
रायगढ़ और लैलूंगा में सबसे कठिन हालात पैदा हो गए हैं. रायगढ़ में विधायक प्रकाश नायक समेत 21 नेताओं ने दावेदारी पेश कर दी है. इसमें पूर्व महापौर, वर्तमान और पूर्व नगर निगम सभापति, पूर्व कांग्रेस और महिला कांग्रेस अध्यक्ष के साथ पूर्व मंत्री के बेटे ने दावेदारी पेश की है. ऐसे में पैनल में नाम शामिल करने काफी जद्दोजहद करना पड़ेगा. इसके अलावा लैलूंगा विधानसभा में भी दिक्कत आएगी. यहां से वर्तमान और पूर्व विधायक के साथ हाल ही में बीजेपी से कांग्रेस में शामिल हुए एसटी आयोग के पूर्व अध्यक्ष नंद कुमार साय ने भी ताल ठोक दी है.


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