Bhanupratappur Strike: छत्तीसगढ़ के अंतागढ़ (Antagarh) ब्लॉक और भानुप्रतापपुर (Bhanupratappur) विधानसभा के वासियों ने रेल सुविधाओं के विस्तार की मांग को लेकर शनिवार को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर नगर बंद किया. इस बंद का असर दोनों विधानसभा क्षेत्र में देखने को मिला. दरअसल, लंबे समय से भानूप्रतापपुर और अंतागढ़ के वासियों की ओर से अंतागढ़ रेल लाइन पर पैसेंजर ट्रेन की संख्या बढ़ाने की मांग की जा रही है. बावजूद इसके पिछले 4 सालों से इस मांग पर कोई सुनवाई न होता देख लोगों में स्वस्फूर्त शनिवार को नगर बंद किया.
इलाके के लोगों का कहना है कि कुछ साल पहले अंतागढ़ और भानुप्रतापपुर वासियों को ट्रेन की सौगात मिली, लेकिन इसके समय परिवर्तन करने की मांग और रायपुर से शाम को आने वाली ट्रेन को भानूप्रतापपुर तक बढ़ाए जाने की मांग के बावजूद भी रेल प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. यही नहीं रायपुर से भानूप्रतापपुर तक और पैसेंजर ट्रेन बढ़ाने की मांग भी की जा रही है, लेकिन अब तक इसमें कोई अमल नहीं किया गया है. इसकी वजह से इलाके के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में शनिवार को एक दिवसीय नगर बंद कर मांग पूरी नहीं होने पर रेल रोको आंदोलन करने की चेतावनी दी.
अंतागढ़ व भानुप्रतापपुर में दिखा बंद का असर
भानुप्रतापपुर और अंतागढ़ के सर्वदलीय मंच और व्यापारी संघ के लोगों ने कहा कि साल 2019 से भानुप्रतापपुर में रेल सुविधा के विस्तार की मांग की जा रही है, लेकिन रेल प्रशासन उनकी मांगों को अनदेखी कर रहा है. यही नहीं, रेल लाइन बिछाने के लिए किसानों की जमीन अधिग्रहण तो कर ली गई है, लेकिन आज 10 साल बीत जाने के बावजूद भी किसी भी प्रभावित किसान परिवार के लोगों को रेल प्रशासन ने नौकरी नहीं दी है.
इसलिए किया शहर बंद
यही नहीं रायपुर से शाम को लौटने वाली पैसेंजर ट्रेन को अंतागढ़ से भानुप्रतापपुर तक चलाने की मांग की जा रही है. बावजूद इसके कोई सुनवाई नहीं हो रही है, जिसके चलते सुबह भानूप्रतापपुर से रायपुर जाने वाली यात्री वापस उस ट्रेन में भानुप्रतापपुर तक नहीं लौट पा रहे हैं. इस वजह से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इन्हीं सब मांगों को लेकर दोनों विधानसभा क्षेत्र के वासियों ने शुक्रवार को बाइक रैली निकालकर रेलवे स्टेशन में धरना-प्रदर्शन करने के बाद शनिवार को एक दिवसीय नगर बंद किया है.
रेल रोको आंदोलन की चेतावनी
आंदोलन कर रहे लोगों का कहना है कि अगर जल्द उनकी मांगें पूरी नहीं की जाती है, तो आने वाले रेल रोको आंदोलन के साथ उग्र आंदोलन भी करने पर मजबूर हो जाएंगे. अपनी मांगों को लेकर आंदोलनकारियों ने भानुप्रतापपुर स्टेशन मास्टर को DRM के नाम ज्ञापन भी सौंपा.
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