Ambikapur News: लिपिक वर्ग कर्मचारियों के लिए सेवा काल में अनिवार्य लेखा प्रशिक्षण के लिए अब बिलासपुर अथवा रायपुर नहीं जाना पड़ेगा. लिपिक वर्ग कर्मचारियों की बहुप्रतिक्षित मांग शासन के द्वारा पूरी करते हुए सरगुजा संभाग मुख्यालय अम्बिकापुर में 1 जुलाई से लेखा प्रशिक्षण शाला खोलने की स्वीकृति दी गई है. यह मंजूरी मिलने के साथ ही लिपिक वर्गीय कर्मचारियों में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है. कोष लेखा, पेंशन के संयुक्त संचालक एस मराबी के नेतृत्व में लेखा प्रशिक्षण शाला आरंभ करने की तैयारी भी युद्ध स्तर पर शुरू हो गई है. 


बताया जा रहा है कि शहर के कन्या परिसर स्थित कन्या आईटीआई छात्रावास भवन का चयन आरंभिक तौर पर इसके संचालन के लिए किया गया है. लेखा प्रशिक्षण शाला 50 सीटर होगी और शिक्षा सत्र 2023-24 से इसे आरंभ करने तैयारी के क्रम में रायपुर संचालनालय की टीम के द्वारा भवन का निरीक्षण भी किया गया है और जरूरी दिशा निर्देश दिया गया है. 


संयुक्त संचालक एस मराबी ने बताया कि मौजूदा शिक्षण सत्र के लिए संभाग के दस लिपिकों के द्वारा अम्बिकापुर में प्रशिक्षण के लिए आवेदन दिया गया था. जिसमें से छह लिपिक अम्बिकापुर में प्रशिक्षण लेने राजी हुए हैं. आगामी 30 जून तक प्रशिक्षणार्थियों की संख्या और बढ़ने की संभावना है. उन्होंने बताया कि शासन से अधिसूचना जारी होने में विलंब होने के चलते समय पर दाखिला की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई थी. आगामी शिक्षा सत्र से अनुमति के अनुरूप सीटों की आपूर्ति हो सकेगी. भवन में रंग रोगन करने के साथ अन्य तैयारियां भी शुरू कर दी गई है. शासन के द्वारा संचालनालय, कोषलेखा और पेंशन के अधीन 1 जुलाई से लेखा प्रशिक्षण शाला अम्बिकापुर में प्रारंभ करने की स्वीकृति दी गई है. लेखा प्रशिक्षण शाला का क्षेत्राधिकार संपूर्ण सरगुजा राजस्व संभाग होगा. मंगलवार को छग शासन के वित्त विभाग के उपसचिव प्रेमागुलाब एक्का के द्वारा  अधिसूचना जारी किया गया.


लंबे समय से की जा रही थी मांग
लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अखिलेश सोनी ने बताया कि अम्बिकापुर में लेखा प्रशिक्षण शाला खोले जाने की मांग लंबे समय से की जा रही थी. इसके लिए पूर्व के भाजपा शासन काल में भी सांसद के माध्यम से ज्ञापन सौंपा गया था. संभाग भर से संघ के पदाधिकारियों के द्वारा समय-समय पर यह मांग उठाई जा रही थी. उन्होंने बताया कि अम्बिकापुर में लेखा प्रशिक्षण शाला खुलने से संभाग भर के लिपिकों को काफी राहत मिलेगा.


चार माह का होता है प्रशिक्षण
बताया जा रहा है कि लिपिक वर्गीय कर्मचारियों के लिए उनके पूरे सेवा काल में यह प्रशिक्षण अनिवार्य होता है. लेखा प्रशिक्षण से लिपिकों में न सिर्फ कार्य कुशलता आती है, बल्कि काम करने की गुणवत्ता में भी सुधार होता है. पहले सरगुजा सहित संभाग के लिपिक वर्गीय कर्मचारियों को इस प्रशिक्षण के लिए रायपुर अथवा बिलासपुर जाना पड़ता था. प्रशिक्षण की अवधि चार माह की होती है, जिससे प्रशिक्षण लेने के दौरान संबंधित लिपिकों को चार माह प्रशिक्षण स्थल में ही रूकना पड़ता था, मगर अब अम्बिकापुर में लेखा प्रशिक्षण शाला खुलने से जिले के लिपिकों को काफी फायदा होगा. वहीं संभाग के भी लिपिक कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी. यह कक्षा प्रथम पाली में चार घंटे की होती है, जिससे कर्मचारी प्रशिक्षण के बाद अपनी ड्यूटी करने के अलावा घर भी जा सकेंगे.


फर्स्ट डिविजन पर मिलती है एक अग्रीम वेतनवृद्धि
कोष लेखा पेंशन शाखा के संयुक्त संचालक एस मराबी ने बताया कि लेखा प्रशिक्षण शाला में चार माह के अध्ययन के बाद परीक्षा होती है. यह परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण करने पर एक अग्रीम वेतनवृद्धि की पात्रता होती है. इसके अलावा परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले लिपिकों को उच्च पदों के लिए अधीनस्थ लेखा सेवा परीक्षा में शामिल होने की पात्रता भी मिल जाती है.


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