Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के खजुराहो के नाम से ख्याति प्राप्त 11वीं शताब्दी में बने भगवान भोलेनाथ का मंदिर भोरमदेव का अब संधारण किया जाएगा. इसके लिए कवर्धा जिला प्रशासन ने राज्य पुरातत्व विभाग के प्रस्ताव बनाकर दिया और जल्द है अगली बैठक में डीएमएस मद से इसकी स्वीकृति मिलने की संभावना है. दरअसल, कुछ दिन पहले छत्तीसगढ़ राज्य पुरातत्व विभाग कवर्धा जिले में स्थित भोरमदेव मंदिर का निरीक्षण करने पहुँची थी और पुरातत्व विभाग की टीम ने पाया कि मंदिर में कई दरारे आ गए हैं. जिससे पानी रिसता है और मंदिर हल्का से एक तरफ झुका हुआ दिख रहा है साथ ही मंदिर में कई काई जम गए है जिसको केमिकल से साफ करने की आवश्यकता है. जिस पर पुरातत्व विभाग ने विचार करके कवर्धा जिला प्रशासन को एक प्रस्ताव बना कर दिया था जिसमें मंदिर के मरम्मत से लेकर मंदिर के साफ-सफाई की बात लिखी गई थी के जिस पर कवर्धा के कलेक्टर रमेश शर्मा ने उस प्रस्ताव को समिति की अगली बैठक इस प्रस्ताव को रखा जाएगा और डीएमएफ फण्ड से इस प्रस्ताव को स्वीकृति देने की संभावना है.


11वीं सदी में नागवंशी राजा ने बनाया था मंदिर
बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 11वीं शताब्दी में नागवंशी राजा गोपाल देव ने किया था ऐसा माना जाता है कि गोंड राजाओं के देवता भोरमदेव थे और वह भगवान शिव के उपासक थे. इसलिए इस मंदिर का नाम भोरमदेव रखा गया. इस मंदिर के सामने एक सुंदर तालाब है जिसमें लोग नौका बिहार का भी आनंद लेते हैं. इस मंदिर में चारों तरफ पर्वत समूह है. और इस मंदिर तक पहुंचने के लिए घाटी नुमा सड़कों से गुजारना पड़ता है.


पुरातत्व विभाग ने निरीक्षण कर भेजा प्रस्ताव
कवर्धा के कलेक्टर रमेश शर्मा ने बताया कि कुछ दिन पहले राज्य पुरातत्व विभाग इस मंदिर का निरीक्षण करने आए हुए थे और उन्होंने मंदिर के संधारण के लिए एक प्रस्ताव बना कर दिया था. जिसमें मंदिर में पानी रीझने, मंदिर में दरार, मंदिर के एक तरफ झुकना और मंदिर की साफ सफाई करने की बात कही गई थी इस मंदिर का संधारण के लिए डेढ़ करोड़ का प्रस्ताव दिया है हम इस प्रस्ताव को समिति अगली बैठक में रखेंगे और अगर सभी की सहमति बनती है तो इस प्रस्ताव को पारित भी कर देंगे.


 यह भी पढ़ें:


Chhattisgarh News: घने कोहरे के कारण भीषण सड़क हादसा, दो की गई जान, 5 घायल


Chhattisgarh News: महिलाओं-छात्राओं के लिए निडर वातावरण बनाएगी 'टीम रक्षक', सूरजपुर पुलिस की नई पहल