Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल की 10वीं-12वीं बोर्ड की प्रैक्टिकल परीक्षा में बाहरी परीक्षक की अनिवार्यता इस बार नहीं रहेगी. अब स्कूल के प्राचार्य पर ही परीक्षा कराने की जिम्मेदारी होगी. प्रैक्टिकल परीक्षा 10 से 31 जनवरी तक होनी है. इसके अलावा जिन स्कूलों को बंद किया गया है वहां 31 जनवरी के बाद भी प्रैक्टिकल परीक्षा कराई जा सकती है.


स्कूल में ही कराई जाएगी प्रैक्टिकल परीक्षा


दरअसल, छत्तीसगढ़ के स्कूलों में छात्र और शिक्षक कोरोना संक्रमित हो रहे हैं. ऐसे में माध्यमिक शिक्षा मंडल ने निर्णय लिया है कि कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए 10वीं 12वीं की प्रैक्टिकल परीक्षा स्कूल में ही कराई जाए. इसके लिए शिक्षा मंडल ने आदेश भी जारी कर दिया है. जिन जिलों में कोविड-19 संक्रमण के कारण कलेक्टर के आदेश द्वारा स्कूल को बंद किया गया है. उन जिलों में प्रायोगिक परीक्षा आयोजित करने के लिए 31 जनवरी 2022 तक की तिथि को शिथिल करते हुए उसके बाद प्रायोगिक परीक्षा आयोजित की जा सकती है. इसके लिए संबंधित जिले के जिला शिक्षा अधिकारी, जिला कलेक्टर से अनुमति प्राप्त करके प्रायोगिक परीक्षाएं आयोजित कराएंगे.


कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लिया गया फैसला
छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव वीके गोयल ने बताया कि राज्य में कोविड-19 महामारी के बढ़ते संक्रमण को ध्यान में रखते हुए कक्षा 10वीं और कक्षा 12वीं की प्रायोगिक परीक्षा एवं प्रायोजना कार्य आयोजित करने के संबंध में सभी मान्यता प्राप्त संस्थाओं को पत्र जारी किए गए है. इसके लिए संस्था प्राचार्य द्वारा आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएगी. संस्था प्राचार्य का यह दायित्व होगा कि निर्धारित परीक्षा समयावधि में संबंधित संस्था स्तर पर ही आंतरिक परीक्षक नियुक्त कर सुविधानुसार एक दिन में उतने ही छात्रों को बुलाकर प्रायोगिक परीक्षा, प्रायोजना कार्य आयोजित किए जाए, जिससे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके.


स्कूल में मास्क का प्रयोग होगा अनिवार्य
स्कूल के प्राचार्यों को कोविड-19 संक्रमण के रोकथाम के लिए सभी अधिकारी-कर्मचारी एवं स्कूल के छात्रों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना एवं मॉस्क का उपयोग करना अनिवार्य होगा. इसके साथ ही कोविड-19 संक्रमण के रोकथाम के लिए केन्द्र और राज्य शासन द्वारा समय-समय पर जारी किए गए निर्देशों का कड़ाई से पालन कराना होगा. संस्था प्राचार्य से कहा गया है कि स्कूलों को सेनेटाईज कराया जाए और स्कूल के मुख्य द्वार पर छात्रों के हाथ सेनेटाईज किए जाए.


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