Ramlala Pran Pratishtha: जगदलपुर (Jagdalpur) शहर से करीब 20 किलोमीटर दूर स्थित करीतगांव निवासी नारायण पांडे ने अपने 14 साल भगवान राम को दे दिए. हालांकि आने वाले समय में ये आंकड़ा और भी बढ़ सकता है, क्योंकि भगवान राम के प्रति नारायण पांडे का लक्ष्य अभी पूरा नहीं हुआ है. दरअसल, नारायण की आस्था भगवान राम से कुछ इस कदर जुड़ी है कि, उन्होंने जाप करने करने के लिए एक करोड़ बार भगवान राम का नाम लिखने का लक्ष्य रखा है. 


अब तक वो 67 लाख से अधिक बार पन्नों पर भगवान राम का नाम लिख चुके हैं. नारायण पांडे की लिखावट काफी सुंदर और संयोजित तरीके से है. कोई भी उनकी लिखावट का मुरीद बन जाएगा, क्योंकि उन्होंने अलग अलग तरीके से कॉपी में डिजाइन करके भगवान राम का नाम लिखा है. नारायण पांडेय ने बताया कि घर कि सुख, शांति और समृद्धि के लिए उन्होंने एक करोड़ बार भगवान राम का नाम लिखकर जाप करने का लक्ष्य रखा है. अभी तक 67 लाख 75 हजार बार वो भगवान राम का नाम लिख चुके हैं. वो लिखने का काम लगातार कर रहे हैं. 


एक करोड़ बार भगवान राम का नाम लिखने का है लक्ष्य
नारायण पांडे ने बताया कि उनके परम मित्र ने उन्हें भगवान राम के नाम को लिखने के लिए प्रोत्साहित किया. इसके बाद वो जगदलपुर शहर पहुंचे और कॉपी पेन लिया.  उन्होंने 7 जनवरी 2011 सुबह 9.30 बजे से लिखना प्रारंभ किया. उन्होंने बताया कि भगवान का नाम लिखने से उनके अंदर काफी शांति महसूस हो रही है. यही नहीं लिखना शुरू करने के बाद उन्हें एक पुत्र की भी प्राप्ति हुई है, जिसे वो भगवान का दिया हुआ फल मानते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि एक करोड़ नाम लिखने का लक्ष्य पूरा होने के बाद वो अयोध्या जाने की तैयारी करेंगे. 


नारायण पांडे ने क्या कहा
उन्होंने बताया कि आगामी 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले रामलला के मंदिर के उद्घाटन के अवसर पर वो घर में दीपक जलाकर भगवान राम का आशीर्वाद लेंगे. नारायण पांडे ने कहा कि जन्म से लेकर मरण तक भगवान राम  के नाम का जाप किया जाता है. मरने के बाद भी राम का नाम ही साथ जाता है, इसीलिए वो भगवान का नाम लिखने का काम कर रहे हैं. वहीं नारायण पांडे की बेटी गायत्री पांडे ने कहा कि वो अपने पिता की लगन से प्रेरित हैं. वो भी अब भगवान राम का नाम लिखना शुरू करेंगी.


नारायण के मित्र नेत्रकान्त पांडेय ने बताया कि अपनी मनोकामना के लिए उन्होंने कई लोगों को भगवान राम के नाम का जाप करते हुए देखा था, जिसके बाद उनके भी मन में भगवान राम का नाम लिखने की जिज्ञासा जगी, लेकिन वे इसमें सफल नहीं हुए. इसी कारण उन्होंने अपने मित्र नारायण पांडे को सलाह दी और मित्र ने उनकी बात को मानकर लिखना शुरू किया. वो 67 लाख बार भगवान राम का नाम लिख चुके हैं. जल्द ही ये आंकड़ा एक करोड़ तक पहुंचने की उमीद है.


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