Bageshwar Dham: छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण पर लगी आग को धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने दे दी हवा, क्या आदिवासी होंगे मिशन 2023 के गेम चेंजर
Bageshwar Dham Row: छत्तीसगढ़ में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में धर्मांतरण के मुद्दे पर लगी आग को बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हवा दे दी.
Bageshwar Dham Sarkar: धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इन दिनों चर्चा में है. उनके बयान पर देशभर में सियासत हो रही है. 23 जनवरी को धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री छत्तीसगढ़ से मध्य प्रदेश के लिए रवाना हो गए हैं. लेकिन जाते जाते उन्होंने छत्तीसगढ़ में 2023 विधानसभा चुनाव के सबसे बड़े मुद्दे को हवा दे दी है. इस पर अब बीजेपी छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ आक्रामक मोड पर आ जाएगी. क्योंकि धर्मांतरण को लेकर पहले ही राज्य में बवाल मचा हुआ है.
बिलासपुर की मुस्लिम महिला ने हिंदू धर्म अपनाया
दरअसल पिछले दिनों राज्य के नारायणपुर जिले में धर्मांतरण को लेकर जमकर बवाल मचा था. आदिवासी और ईसाई आदिवासियों के बीच हिंसात्मक विवाद हुआ था. इस आग को अब धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हवा दे दी है. आपको बता दें कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दिव्य दरबार में मुस्लिम महिला सुल्ताना बेगम ने हिंदू धर्म में को अपना लिया. इसके अलावा कुछ ओड़िशा के लोगों ने भी रायपुर में हिंदू धर्म को अपनाया. इसको लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी सवाल उठाया है.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उठाया व्यवस्था पर सवाल?
इसको लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को मीडिया से कहा कि घर वापसी अच्छी बात है. मैं भी हिंदू हूं. लेकिन उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि घर वापसी हुई उसको किस वर्ण में रखें? यदि वो ईसाई है मुसलमान है उसे हिंदू धर्म में मिला लिया, बहुत अच्छी बात है. लेकिन उसको किस वर्ण में रखे? शुद्र ,वैश्य,क्षत्रिय या ब्राह्मण वर्ण में किसमें रखेंगे आप? उसकी शादी किस वर्ण में होगी फिर किस जाति में होगी? ये व्यवस्था भी करे?
आदिवासी पर क्यों लड़ रहे बीजेपी कांग्रेस
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी धर्मांतरण के मामले में लगातार अटैकिंग मोड में है. बस्तर और सरगुजा संभाग के 26 विधानसभा सीट पर नजर है. क्योंकि इन दोनों संभाग में बीजेपी जीरो है. आदिवासी सीटों में बीजेपी अपनी पकड़ मजबूत बनाने के लिए लगातार धर्मांतरण का मुद्दा उठा रही है. इसके लिए बड़े अभियान की तैयारी भी की जा रही है. क्योंकि राज्य में 29 विधानसभा सीट ऐसे हैं जो एसटी के लिए आरक्षित हैं. इसमें लगभग सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है.
बस्तर और सरगुजा का लिए बीजेपी का बड़ा अभियान
सरगुजा संभाग में बीजेपी ने 21 जनवरी के चुनावी अभियान का आगाज किया है. अंबिकापुर में एक बड़ी सभा की है. इसमें बीजेपी ने आदिवासियों साधने के लिए बड़े अभियान की रणनीति बनाई है. सभा में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि भारत के सर्वोच्च राष्ट्रपति पद पर आदिवासी समाज की बेटी को बैठा कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनजातीय समाज का गौरव बढ़ाया है, आदिवासी समाज के जीवन में परिवर्तन लाने का काम केवल बीजेपी कर रही है, कांग्रेस ने आदिवासी समाज को अशिक्षा, गरीबी तथा भुखमरी देकर केवल उनका शोषण, उपेक्षा और अपमान किया है ऐसी कांग्रेसी सरकार को उखाड़ फेंकना है.
आदिवासी होंगे 2023 विधानसभा चुनाव का गेम चेंजर
गौरतलब है कि ट्राइबल इलाकों में लगातार धर्मांतरण बढ़ने की चर्चा हो रही है. इसपर अब आदिवासी में ही उलझ रहे हैं. छत्तीसगढ़ की राजनीति में आदिवासियों का बड़ा दबदबा है. इसलिए ये आगामी चुनाव में भी कांग्रेस और बीजेपी के लिए बड़ा मुद्दा बन सकता है. इसलिए बीजेपी और कांग्रेस ने अभी अपनी तैयारी शुरू कर दी है. क्योंकि आदिवासियों का वोट जिस पार्टी के पक्ष में जाएगा उसके विधानसभा चुनाव जीतने की संभावना प्रबल हो जाएगी.