Bageshwar Dham: अंधविश्वास फैलाने के आरोपों पर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बोले- 'हम चमत्कारी नहीं हैं लेकिन...'
Chhattisgarh: रायपुर में बागेश्वर धाम सरकार की कथा सुनने के लिए बड़ी भीड़ उमड़ रही है. इसी बीच बुधवार को धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने रायपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी सफाई दी है.
Bageshwar Dham Sarkar: बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इन दिनों विवाद के चलते सुर्खिया बटोर रहे हैं. नागपुर में अंधविश्वास अनमुल्न समिति ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर अंधविश्वास फैलाने और चुनौती से भागने का आरोप लगाया है. इसपर अब धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने रायपुर में बड़ा बयान दिया है. उन्होंने रायपुर में कहा कि ''हनुमान जी की पूजा करना अंधश्रद्धा है तो भारत के जितने भी हनुमान भक्त हैं सब पर एफआईआर होनी चाहिए. फिर कैसे तुम्हारा थोबड़ा लाल करेंगे हनुमान जी.''
रायपुर में बागेश्वर धाम सरकार की कथा
दरअसल छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 17 जनवरी से 23 जनवरी तक बागेश्वर धाम सरकार की कथा है. कथा सुनने के लिए बड़ी भीड़ उमड़ रही है. इसी बीच बुधवार को धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने रायपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी सफाई दी है. उन्होंने कहा है कि तथाकथित लोगों को मैं कहना चाहता हूं कि बीच में कथा छोड़कर भागना बोलना बंद कर दें. हमारी कथा 7 दिन की ही थी. कथा की तारीख हमारे पेज पर पहले से ही जारी कर दी गई थी.
आगमी सभी कथाओं की 2-2 दिन घटाई गई. क्योंकि हमारे यहां यज्ञ है. दूसरी बात ये कि हमने 2 दिन का दिव्य दरबार लगाए, तब वो क्यों नहीं आए. 7 दिन के कथा के दौरान एक भी व्यक्ति चुनौती के लिए लेटर लेकर क्यों नही आया? इसका मतलब वे भगोड़ा और छोटी मानसिकता के लोग हैं. आने के बाद कोई भी भौंक रहे हैं.
नागपुर विवाद पर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पीसी
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने आगे कहा कि रायपुर में 9 दिन की कथा थी. 25 जनवरी तक लेकिन 23 तारीख तक कथा है. 23 को हम चले जाएंगे इसके बाद आप कहोगे हमने चुनौती दी. इसिए पंडाल छोड़कर बागेश्वर सरकार पंडाल छोड़कर भाग गए. हमारी भाषा सीमित और सुरक्षित है. शस्त्र और शास्त्र दोनों की मर्यादा ठीक से आती है. हमें बालाजी जी ने चुना ही इसलिए है. 2 दिन का दिव्य दरबार लगा आप आए नहीं. कोई जानकारी हमें नहीं भेजी. हमारे दरबार में न बुलावा है. न दावा है, न ही दक्षिणा है. फिर बवाल क्यों?
बागेश्वर धाम सरकार ने कहा हम चमत्कारी नहीं है
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपने अभियान को लेकर बताया कि सनातन धर्म का प्रचार करना हमारा मौलिक अधिकार है. अनुच्छेद 25 के तहत अपने ईष्ट का प्रचार कर रहे है. अगर आप आ रहे है तो आपको स्वेक्षा है. हमारा कोई दावा नहीं है कि हम आपकी समस्या मिटा देंगे. लेकिन हमें अपने इष्ट पर भरोसा है.
हमारे इष्ट मिटा देंगे ये कहना गलत है क्या? हम अंधविश्वास कब फैला रहे हैं, जब हम दक्षिणा ही नहीं लेते हैं. हम पैसा नहीं लेते हैं. हमें हनुमान जी ने चुना है. हम तो ये नहीं कहते की हम चमत्कारी आदमी हैं. हम ये भी नहीं कहते की हम ईश्वर है. न ही हम कोई समस्या दूर कर सकते हैं. जैसे माता पिता अपने पुत्र की तबीयत खराब होने पर प्रार्थना करता है. हम गुरु के नाते पूरे विश्व के लिए प्रार्थना करते हैं. गुरु का ये धर्म है. हम अंधविश्वास नहीं फैला रहे हैं.
सनातन धर्म को टारगेट करने की साजिश है.
आज हनुमान जी की दरबार को अंधविश्वास कह रहे हैं. कल हमारे माता पिता को अंधविश्वास कह दोगे. ये सब सोची समझी साजिश है. सनातन धर्म को टारगेट करने की साजिश है. हम हिंदुओं को जागना होगा. हम अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति के सपोर्ट में है. क्योंकि वो तांत्रिक दुनिया को सबक सिखा रहे हैं. हम भी यही काम कर रहे हैं. हम भी कह रहे तुम गुनिया के चक्कर में मत पड़ो, भूत पिसाच के चक्कर में मत पड़ो. हनुमान जी के चक्कर में पड़ो.
हमने महाराष्ट्र में कोई भी कानून का उलंघन नहीं किया है.अगर वो कहते हैं भगवान है की नहीं हमें अनुभव करना है तो रायपुर में 20 और 21 को दिव्य दरबार है. किराया हम देंगे आपकी चुनौती हमे स्वीकार है. वेलकम टू रायपुर और जो हमे लगे हम बताएंगे हमारे इष्ट पर हमे भरोसा है. अपने गुरुदेव पर भरोसा है.
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने आगे कहा कि क्या हनुमान जी को मानना और हनुमान जी की बातों को फैलाना, हनुमान चालीसा का उपाय बताना क्या देश में अंधश्रद्धा है? नहीं है तो आपने कहा था कि हमारे ऊपर एफआईआर करेंगे तो आप किस उद्देश्य से करेंगे? हम भी कानून के अंतर्गत है. हम संविधान के अंतर्गत ही चलेंगे. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा ''हनुमान जी की पूजा करना अंधश्रद्धा है भारत के जितने भी हनुमान भक्त हैं सब पर एफआईआर होनी चाहिए. फिर कैसे तुम्हारा थोबड़ा लाल करेंगे हनुमान जी.''
भारत देश में चादर चढ़ाना श्रद्धा है
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने आगे कहा कि भारत देश में चादर चढ़ाना श्रद्धा है लेकिन बालाजी का नाम बताना या उनके नाम से जोड़ना अंधश्रद्धा है. भारत देश में कैंडल जलाना श्रद्धा है लेकिन कोई बीमार परेशान व्यक्ति उसे हनुमान जी के नाम से जोड़ दिया जाए तो अंधश्रद्धा है. उन्होंने कहा कि हमें जो प्रेरणा लगेगी हम बता देंगे. खुला दरबार फिर लगेगा आप अनुभव करेंगे. हमारे ही नही किसी भी दरबार के लिए नहीं बोलेंगे.
एक बागेश्वर सरकार को गिराने के लिए इतने लोग लग गए . कोई दिक्कत नही ये चलते रहना चाहिए. इस बयान के बाद हम उनके बारे में बात नहीं करेंगे क्योंकि हम विवाद में नहीं फंसना चाहते. हम उनपर अपना टाइम बर्बाद नहीं करना चाहते. हम अपना काम करेंगे. जितना उनको टाइम देंगे उतने में 4 लोगों की अर्जी लगाकर उनके जिंदगी में खुशियां ला देंगे. ये लोग बोलते रहेंगे हम अपना काम करते रहेंगे.