Mangalvar Puja: हम सभी जानते हैं कि हनुमानजी बाल ब्रह्मचारी हैं. मंगलवार का दिन हनुमान जी का दिन होता है. यह दिन हनुमान जी को समर्पित होता है. इस दिन हनुमान जी की पूजा करना सबसे उत्तम माना गया है. इनकी भक्ति से बड़े से बड़ा संकट भी दूर हो जाता है और व्यक्ति के जीवन में चल रही ग्रहों की बाधाएं दूर हो जाती हैं. हनुमान चालीसा का पाठ हर संकट से व्यक्ति की रक्षा करता है. हनुमान चालीसा का नियमित पाठ मनुष्य की बुद्धि, बल, विद्या में वृद्धि करता है. छत्तीसगढ़ में हनुमान जी का एक ऐसा मंदिर है जहां महावीर जी की पूजा एक स्त्री के रूप में होती है. यह मंदिर छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर के रतनपुर में स्थित है. कहा जाता है कि इस मंदिर को लेकर लोगों में गहरी आस्था है. ऐसी मान्यता है कि जो कोई भी यहां पूजा-अर्चना करता है, उसकी मनोकामना पूरी हो जाती है.


जिनके मन में भूत-प्रेत आदि का डर होता है और अकेले कहीं भी जाने से डर जाते हैं उन्हें हनुमान चालीसा का पाठ करने से इससे राहत मिलती है और मन में साहस का संचार होता है. ऐसे भक्तों को बजरंग बलि जी की पूजा करनी चाहिए. शास्त्रों की मानें तो हनुमान की पूजा करने से शनि के बुरे प्रभाव से भी लोगों को मुक्ति मिलती है. हालांकि बजरंगबलि की पूजा के दौरान कुछ विशेष बातों का ख्याल रखना चाहिए जो सभी के लिए जरूरी भी है. 


मंगलवार के दिन रखें इन बातों का खास ख्याल


ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं के अनुसार, मंगलवार का दिन हनुमान जी का दिन होता है इस दिन उड़द की दाल का सेवन नहीं करना चाहिए. क्योंकि कहा जाता है कि उड़द दाल का संबंध शनिदेव से है. अगर इस दिन उड़द दाल को ग्रहण किया जाता है तो शनि और मंगल का संयोग बन जाता है जो कि स्वास्थ्य की दृष्टि से नुकसान दायक हो सकता है. इसके अलावा मंगलवार को दूध से बनी चीजें दान भी नहीं करनी चाहिए.



  • मंगलवार और शनिवार के दिन बजरंग बलि को तिल या चमेली के तेल में मिला हुआ पीला सिंदूर का लेपन करें या चढ़ाएं इससे जीवन में किसी भी प्रकार के काम में आ रही बाधाएं दूर हो जाती हैं और फल की प्राप्ति होती है.

  • हनुमान जी का तिलक केसर के साथ लाल चंदन घिसकर एक साथ मिलाकर लगाएं.

  • हनुमान जी की पूजा पूरी श्रद्धा और सेवा भाव के साथ करें.

  • मंगलवार के दिन सूर्योदय के बाद और शाम को सूर्यास्त के बाद बजरंग बलि की पूजा-अर्चना करें, दोपहर के समय पूजा नहीं करनी चाहिए.

  • बजरंग बलि की पूजा करने के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन अवश्य करें. 


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