Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में बीस साल से बन रहे निर्माणाधीन आमबाहरा बांध टूट जाने से कई एकड़ के खेत में लगी फसल पूरी तरह से पानी में डूब गई है. इसके कारण किसानों की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है. इतना ही नहीं इस बांध का पानी चार से पांच गांवों तक पहुंच गया है. इससे ग्रामीणों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. कई रास्तों में पानी भर जाने की वजह से लोग अपनी जान जोखिम में डालकर सड़क पार कर रहे हैं. निर्माणाधीन बांध के टूट जाने से बांध की मजबूती और सरकारी तंत्र की पोल खुल गई है.
20 साल से बन रहा बांध अब तक नहीं बन पाया
दल्ली राजहरा क्षेत्र के आमडुला गांव के ग्रामीणों का कहना है कि आमबाहरा बांध का निर्माण साल 1989 में राहत कार्य के तहत की गई थी. फिर 2002 में एक करोड़ 23 लाख रुपयों का इस बांध के निर्माण के लिए स्वीकृत की गई. इससे निर्माण कार्य शुरू हुआ. वहीं बीते दिनों हुई तेज बारिश से बांध का पानी छलक रहा था. फिर अचानक बांध का एक हिस्सा टूट गया और आसपास के खेतों और गांवों में बांध का पानी पहुंच गया. इससे आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है.
किसानों की फसल हुई बर्बाद
ग्रामीणों ने बताया कि लगभग बारिश की शुरुआत से ही एक बांध का पानी सीपेज हो रहा था. इसके लिए लोगों ने विभाग को पत्र भी लिखे, लेकिन जल संसाधन विभाग ने इसे रोकने के लिए ठोस कदम नहीं उठाया जिससे बांध टूट गया. बांध टूटने की वजह से खेतों में पानी भरने लगा. 4 से 5 गांवों तक पानी घुस गया है. पानी से भरे बन्द रास्तों पर लोग जान जोखिम में डालकर आ जा रहे हैं. ग्रामीणों के अनुसार 20 साल से बन रहे बांध का निर्माण अब तक पूरा नहीं हो पाया है. ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से गुहार लगाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.
जान जोखिम में डालकर लोग कर रहे हैं सड़क पार
ग्रामीणों ने बताया कि प्रशासन की लापरवाही की वजह से आज तक बांध पूरी तरह से बन नही पाया है. इससे किसानों को हर साल कुछ ना कुछ नुकसान झेलना पड़ता है. बांध टूटने से आमाडुला गांव में सड़क के ऊपर तीन फीट पानी आ गया है. कांकेर के चारमा से बालोद को जोड़ने वाली दल्ली-चारमा मार्ग में तीन फिट पानी भरा हुआ है. इससे जान जोखिम में डालकर लोग यात्रा कर रहे हैं. शासन-प्रशासन इस बांध के काम को जल्द पूरा कराए, ताकि समस्याओं से निजात मिल सके.
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