Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में चिटफंड कंपनियों (Chit Fund Companies) ने कम समय, कम मेहनत, स्मार्ट वर्क कर ज्यादा पैसे कमाने का लालच देकर ग्रामीण इलाके के भोले-भाले ग्रामीणों को खूब लूटा. कुछ कंपनियों से कई लोगों को फायदा भी हुआ, लेकिन ज्यादा लोगों को नुकसान हुआ. एक वक्त ऐसा भी आया जब चिटफंड कंपनियों में लोगों ने अपनी गाढ़ी कमाई लगा दी लेकिन कंपनी के सीईओ, एमडी कंपनी छोड़कर फरार हो गए. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने चिटफंड निवेशकों का पैसा वापस कराने के लिए विशेष कार्ययोजना बनाई है. 


डीएम ने लिया ये एक्शन


इसके लिए कई दस्तावेज भी जमा कराए जा रहे है. कई जगहों पर पैसे वापसी की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है लेकिन गरीबों को अपना पैसा वापस पाने के लिए दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. इसी बीच बालोद (Balod) जिले में चिटफंड दस्तावेज के आड़ में तहसील कार्यालय के सहायक ग्रेड-2 (बाबू) द्वारा पैसे लेने का मामला सामने आया. इस मामले को जिला कलेक्टर कुलदीप शर्मा ने संज्ञान लिया और निवेशकों से अवैध तरीके से रुपए लेने वाले बाबू को निलंबित कर दिया है.


कर रहा था वसूली


दरअसल, चिटफंड कंपनियों में निवेश किए लोगों की राशि वापस दिलाने के लिए पीड़ितों से प्रशासन द्वारा कंपनी से संबंधित दस्तावेज मंगाए जा रहे हैं ताकि उनकी राशि वापस मिल सके. बालोद जिले के तहसील कार्यालय गुरूर के सहायक ग्रेड-2 किशोर कुमार भारती चिटफंड कंपनी के निवेशकों से पैसा वापस दिलाने के लिए मूल दस्तावेज के साथ राशि वसूल रहा था. इसकी शिकायत कलेक्टर कुलदीप शर्मा से की गई. तब निवेशकों से राशि लिए जाने के मामले को कलेक्टर कुलदीप शर्मा ने तत्काल संज्ञान में लिया और सहायक ग्रेड-2 कर्मचारी किशोर कुमार भारती पर कार्रवाई की.


क्या कहा डीएम ने आदेश में


कलेक्टर ने जारी आदेश में कहा कि किशोर कुमार भारती सहायक ग्रेड-2 तहसील कार्यालय गुरूर जिला बालोद के इस काम को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के विपरीत होने के कारण उन्हें सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम 9 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है. इस कार्रवाई से अन्य कर्मचारियों में भी हड़कंप मच गया है.


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